गायत्री मंत्र व मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या करे? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


Sumil Yadav

| पोस्ट किया |


गायत्री मंत्र व मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या करे?


8
0




| पोस्ट किया


'ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।'

गायत्री मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या:


ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह
सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण- ्यं = सबसे उत्तम
भर्गो- = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य- = प्रभु
धीमहि- = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि
यो = जो
नः = हमारी
प्रचो- दयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)

हम उस अविनाशी ईश्वर का ध्यान करते है, जो भूलोक,अंतरिक्ष ,और स्वर्ग लोकोंका का उत्पन्न किया है,उस सृष्टी कर्ता ,पापनाशक,अतिश्रेष्ठ देव को हम धारण करते है – वह (ईश्वर) हमें सद्बुद्धी दें एवम सत्कर्म मे प्रेरित करे।

यह गायत्री मंत्र ऋग्वेद यजुर्वेद और सामवेद में प्रस्तुत है। एक ईश्वर का उपासना करना इसका मुख्य उद्देश्य है। चार वेदो में से यह मंत्र सबसे प्रसिद्ध मंत्र है।

यह भी पढ़े- ॐ का उच्चारण क्यों करते है ?

Letsdiskuss


5
0

');