ॐ क़ो सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं मानते बल्कि ॐ क़ो अनन्त ध्वनि का प्रतीक भी माना जाता है।ॐ (ओमय) तीन शब्दो(अ, उ,म )मे मिलकर बना है, अ शब्द का अर्थ उत्पन्न होना है तथा उ शब्द का अर्थ यह है कि उठना यानि विकसित होना, म शब्द अर्थ है कि लीन हो जाना।
ॐ शब्द का उच्चारण करने से शरीर मे स्पन्दन और ध्वनि पैदा होती है, यदि पुरे तन, मन, ध्यान लगाकर ॐ शब्द का उच्चारण करने से शरीर मे जो भी कष्ट होते है, वह निकलकर बाहर आ जाते है। तथा ॐ का उच्चारण करने से सामंजस्य, समरसता तथा तारतम्यता स्थापित करने में सक्षम होती है।
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