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Satindra Chauhan

| पोस्ट किया | शिक्षा


ब्लू व्हेल मानव जीवन को कैसे बचा रही है?


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Marketing Manager | पोस्ट किया


ब्लू व्हेल शायद इस ग्रह का सबसे बढ़ा जीव है| बीसवीं सदी की शुरुआत में ब्लू व्हेल पृथ्वी के लगभग सभी महासागरों पर भारी मात्रा में थी| लेकिन धीरे धीरे जब इनका शिकार होने लगा तो यह विलुप्त होने के नजदीक आ गई है| इन्हें संरक्षित रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की स्थापना 1966 में की गई| ब्लू व्हेल एक प्रकार की मछली है जिसकी कई सारी प्रजातियाँ पाई जाती है|

जैसे:

  • किलर व्हेल,
  • स्पर्म व्हेल,
  • बेलुगा व्हेल,
  • नीली व्हेल...

और इन सब में ब्लू व्हेल सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में यह सबसे बड़ा जानवर है जिसका भार 40 हाथियों से भी कई गुना हो सकता है| यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है और इसकी उत्पत्ति लगभग 5 करोड़ साल पहले से मानी गई है| यह 30 मीटर तक लम्बी और 180 टन तक भारी हो सकती है|

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अगर कभी परमाणु विस्फोट हो जाये तो कैसे खुद को बचाया जा सकता है?

इतनी विशाल मछली होने के बाद भी इसकी एक सबसे खास और अनोखी बात है कि ब्लू व्हेल पानी के अन्दर सांस नहीं ले पाती| उसको पानी से ऊपर आकर ही सांस लेनी पड़ती है| ब्लू व्हेल अपनी सांस लगभग 35 मिनट से लेकर 2 घंटे तक रोक सकती है| ब्लू व्हेल लगभग 4 से 6 टन तक खाना एक साथ खा सकती हैं|जिसके बाद यह 200 दिनों तक भूखी भी रह सकती हैं|

ब्लू व्हेल मानव जीवन को बचाने में अपना भरपूर योगदान दे रही है| आज का समय में जहां सभी लोग अपने काम में इतना व्यस्त हैं कि उन्हें अपने आस-पास की प्रदूषित हवा से भी कोई खास फर्क नहीं पड़ता| जिससे आपको शरीर में कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है| जिसमें अस्थमा, हार्ट ब्लाक, साइनस, त्वचा में खराबी शामिल हैं|

मानव जीवन को नुक्सान पहुचाने के लिए सबसे जहरीली गैस है कार्बन डाईऑक्साइड| जिसकी अधिकता न सिर्फ प्रथ्वी को बल्कि मानव जीवन के लिए जानलेवा है| अगर इसकी यहाँ बढ़ोतरी हो जाये तो मानव जीवन मुश्किल में आ जाएगा| मानव शरीर ऑक्सिजन लेता है और कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ता है| तो आपको शायद इस बात की जानकारी न हो कि ब्लू व्हेल में कार्बन डाईऑक्साइड ग्रहण करने की काफी मात्रा में कैपेसिटी होती है|

जिससे यह अपने आस पास के पर्यावरण को शुद्द रखने में मदद करती है और इस तरह आप काफी हद तक शुद्ध सांस ले पाते हैं| इसके साथ ही ब्लू व्हेल समुद्र के पानी के nutarians को यानी कि पानी के अन्दर पाए जाने वाले पोषक तत्वों को बरकरार रखती है|

जब ब्लू व्हेल उपाय आकर सांस लेती है तो उसके साथ ही यह पूप करती है| जिसको फीकल प्लूम भी कहा जाता है| यह एक ऐसी प्रोसेस है जो समुन्दर के पानी को पोषण को बनाये रखने में मदद करती है| क्योंकि इस फीकल प्लूम में भारी मात्रा में nutarians पाए जाते हैं| जो न सिर्फ समुद्र के लिए अच्छे होते हैं बल्कि यह मानव जीवन को भी बेहतर बनाये रखने के लिए काफी मददगार साबित होते हैं|

तो इस तरह ब्लू व्हेल मानव जीवन को बचा रही है इसके लिए जरुरी है कि हमें उनके लिए भी कुछ करना चाहिए| इसलिए ब्लू व्हेल का शिकार न करें और उन्हें भी अपना जीवन जीने दें|


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| पोस्ट किया


ब्लू व्हेल पृथ्वी का सबसे बड़ा जीव में से एक है यह बात तो हम सभी जानते हैं कि ब्लू व्हेल एक मछली है। और इसकी अन्य प्रजातियां पाई जाती हैं जैसे कि किलर व्हेल, स्पर्म व्हेल, बेलुगा व्हेल, लेकिन ब्लू व्हेल इनमें से सबसे खास प्रजाति की होती है। ब्लू व्हेल की उत्पत्ति इस दुनिया में 5 करोड़ वर्ष पहले हुई थी ब्लू व्हेल की लंबाई 30 मीटर तक की होती है और इसका वजन 180 टन होता है। और सबसे आश्चर्यजनक वाली बात यह है कि यह मछली पानी के अंदर सांस नहीं ले सकती है। लेकिन यह बात सभी को पता नहीं होती है कि ब्लू व्हेल मानव जाति की रक्षा कर रही है क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड मानव जीवन के लिए बहुत ही घातक होती है। इसलिए ब्लू व्हेल कार्बन डाइऑक्साइड को अधिक मात्रा में ग्रहण करती है तथा मानव जीवन को बहुत सारी बीमारियों से बचाती है।Letsdiskuss


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Blogger | पोस्ट किया


दोस्तो,ब्लू व्हेलदुनिया का सबसे बड़ा प्राणी है। दुनिया मे लगभग15000ब्लू व्हेल बची है। 2000 के करीब ब्लू व्हेल प्रशांत महासागर तट पर तैरती है। इनकी कई सारी प्रजातियां पाई जाती हैं। इनका आकर बहुत विशाल होता है और यह शांति पूर्ण जीवन जीते हैं। ब्लू व्हेल के बच्चे दुनिया में सबसे बड़े बच्चे होते है। ब्लू व्हेल की जीभ का वजन एक हाथी के बराबर होता है। ब्लू व्हेल मानव जीवन को भी बचाने मे महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं आइये जानते है कैसे -मानव शरीर ऑक्सिजन लेता है और कॉर्बनडाईऑक्साइड छोड़ता है। कॉर्बनडायऑक्साइडसबसे ज्यादा जहरीली गैस है जो मानव जीवन को नुकसान पहुॅचाने के लिए काफी है। मानव आज की दिनचर्या में इतना व्यस्त हो गया है कि उसे अपने वातावरण से की लेना देना नही है। वह अपने काम के लिए पेड़ों को काट रहा है , जंगलो को साफ कर वहा बिल्डिंग, मॉलस बना रहा है। शहरो में पेड़ नही होने से ऑक्सिजन की मात्रा कम हो रही है और कार्बनडाय ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है। आपको जान कर हैरानी होगी की ब्लू व्हेल मे कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करने की क्षमता होती हैं। जिससे यह ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड ले कर वातावरण को शुद्ध करती हैं। मानव जीवन के लिए यह एक बहोत बड़ी मदद है। Letsdiskuss


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ब्लू व्हेल 24 से 30 मीटर (80 से 100 फीट) की विशाल लंबाई तक बढ़ सकती हैं। अब तक दर्ज की गई सबसे लंबी ब्लू व्हेल की लंबाई आश्चर्यजनक रूप से 108 फीट (33 मीटर) थी। वे डायनासोर के बराबर पृथ्वी की सतह पर घूमने वाले सबसे बड़े जानवर हैं।

ब्लू व्हेल अनुकूल परिस्थितियों में बहुत लंबा जीवन जीते हैं। सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले नीले रंग को 100 साल की उम्र में अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जीते हुए खोजा गया था। वैज्ञानिकों ने व्हेल के कानों में मोम की परतों की गिनती करके बॉलपार्क उम्र की गणना की। हालाँकि, ब्लू व्हेल की औसत आयु लगभग 80-90 वर्ष है।

20वीं सदी के पूर्वार्द्ध के दौरान ब्लू व्हेल को बेरहमी से मार दिया गया था। व्हेल ने तेल का खजाना प्रदान किया और उनके शरीर के अंगों की पाक और औषधीय प्रथाओं के लिए अत्यधिक कीमत थी। ऐसा बताया जाता है कि 1930 के दशक के दौरान एक ही सीज़न में 29,000 से अधिक व्हेलें मारी गईं थीं। जब उनकी संख्या बहुत कम हो गई और विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई तो अंततः 1967 में उन्हें विश्वव्यापी संरक्षण प्राप्त हुआ।

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