आज के समय मे धनवान कौन नहीं बनना चाहता | कौन ऐसा है जिसको पैसा अच्छा नहीं लगता | धनवान बनने के लिए धन कमाना जितना जरूरी होता है उतना ही धन बचाना भी आवश्यक है। लेकिन कई बार आप चाहते भी हैं तब भी धन बचाकर नहीं रख पाते हैं, क्योकि ज़िंदगी मे अचानक होने वाले खर्च आकर आपका बजट बिगाड़ जाते हैं। वास्तुशास्त्र में कुछ सामान्य उपाय बताए गये हैं जिन्हें आजमाने से अचानक आए खर्चों में कमी आती है और बचत बढ़ने लगती है |
1 .धन रखने की दिशा :-
धन में वृद्धि और बचत के लिए जिस आलमारी मे धन रखते हों उसे दक्षिण की दिवार से लगा कर इस प्रकार रखें कि, इसका मुंह उत्तर दिशा की ओर रहे। पूर्व की दिशा की ओर आलमारी का मुंह होने पर भी धन में वृद्धि होती है लेकिन उत्तर दिशा उत्तम मानी गयी है।
2 .टपकते हुए नल को बदले :-
नल से पानी का टपकते रहना वास्तुशास्त्र में आर्थिक नुकसान का बहुत बड़ा कारण माना गया है, जिसे बहुत से लोग अनदेखा कर देते हैं। परन्तु वास्तु के नियम के अनुसार नल से पानी का टपकते रहना धीरे-धीरे धन के खर्च होने का संकेत होता है। इसलिए नल में खराबी आ जाने पर तुरंत बदल देना चाहिए।
3 .दीवार पर धातु का सामान लटकाए :-
जहाँ आप सोते है उस कमरे के प्रवेश द्वार के सामने वाली दीवार के बाएं कोने पर धातु की कोई चीज लटकाकर रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह स्थान भाग्य और संपत्ति का क्षेत्र होता है। इस दिशा में दिवार में दरारें हों तो उसकी मरम्मत करवा दें। इस दिशा का कटा होना भी आर्थिक नुकसान का कारण होता है।
4 .घर में नहीं रखें कबाड़ :-
घर में टूटे-फूटे बर्तन एवं कबाड़ को जमा करके रखने से घर में नकारात्मक उर्जा का संचार होता है। टूटा हुआ बेड एवं पलंग भी घर में नहीं रखना चाहिए इससे आर्थिक लाभ में कमी आती है और खर्च बढ़ता है।
5 .जल का निकासी :-
बहुत से लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं कि उनके घर का पानी किस दिशा से निकल रहा है | वास्तु विज्ञान के अनुसार जल की निकासी कई चीजों को प्रभावित करती है। जिनके घर में जल की निकासी दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में होती है उन्हें आर्थिक समस्याओं के साथ अन्य कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उत्तर दिशा एवं पूर्व दिशा में जल की निकासी आर्थिक दृष्टि से शुभ माना गया है।