Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | पोस्ट किया |
Media specialist | पोस्ट किया
अनियंत्रित तनाव एक समस्या है। क्रॉनिक तनाव मस्तिष्क में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का निर्माण करता है, जो सम्यून सिस्टम को प्रभावित करने के साथ ही मस्तिष्क को कम सक्रिय बनाता है, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, आैर डिप्रेशन का कारण बनता है। जो व्यक्ति लंबे समय तक अकेलेपन का शिकार रहता है, उसके अंदर भी कॉर्टिसोल के ये परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अकेला व्यक्ति तनाव में जीवन व्यतीत करता है।
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Occupation | पोस्ट किया
अकेलापन किसी भी मनुष्य के लिये बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि हर एक व्यक्ति अपने फैमली, दोस्तों के साथ हर एक त्यौहार, ब्रिथड़े पार्टी मिल जुलकर सेलिब्रेट करते है। क्योकि मिल -जुलकर रहने से ख़ुशी अलग मिलती है लेकिन वही दूसरी ओर जो लोग किसी घटना का शिकार हो जाते है, वह अकेले रहना ही पसंद करते है जैसे -अधिकतर जो लोग किसी कारण से जेल चले जाते है वह जेल बंद रहते है वह किसी से मिलते -जुलते नहीं बात नहीं करते है वह अकेलापन की वजह से वह पागल होने लगते है, ऐसे मे उनको चैन से बढ़ाना पड़ता है। कई बार ऐसे भी हो जाता है कि वह पूरी तरह पागल हो जाते उनको पगालखाना भेजना पड़ता है, वह खुद को नुकसान पहुंचाने लग जाते है इससे यह स्पष्ट साबित होता है कि अकेलापन लोगो के जीवन बुरी तरह से नष्ट कर देता है यूँ कहे तो दीमक की तरह उनके जीवन को खा जाता है।
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