नमस्कार सृष्टि जी ,आज के कलयुग के समय मे आपका ये सवाल बड़ा ही सही और आश्चर्य जनक है | पर अच्छा लगा ये जानकार के चाहे वक़्त कितना भी बदल जाए ,लोगो के पास समय का कितना भी आभाव हो पर कुछ लोग है जो आज भी पूजा अर्चना और भगवान् पर भरोसा करते है |
पूजा अर्चना का जीवन मे अपना एक महत्व है | पूजा करने से घर का वातावरण तो शुद्ध रहता ही है साथ ही इंसान का मन खुश व शांत होता है | वर्तमान समय मे जहाँ किसी को समय नहीं है अपने लिए कुछ समय पूजा पाठ के लिए निकल ले तो इंसान का दिन और जीवन सफल हो जाएगा |
हमारे जीवन मे कभी सुख तो कभी दुःख आते है और ये नियति होती है ,कहते है न सुख दुःख दोनों अपने काम के आधार पर आते है |
अच्छे काम करो तो जीवन मे सुकून रहेगा | और अगर गलत करो तो आँखों मे नींद भी नहीं रहेगी | पूजा अर्चना करना सुख की निशानी है | जिसको प्रतिदिन करना चाहिए बिना किसी मतलब के | मानव जीवन में तीन प्रकार के दुःख आते हैं |
हमारे तीन शरीर हैं – स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर | और इन सभी स्तरों में दुःख आते हैं | मानव जीवन को इन तीनों स्तरों के परे जाना है, और यही गायत्री मंत्र का अर्थ है | जो इस मन्त्र का जाप करता है, वह निश्चित ही दुखों के सागर को पार कर, परम आनंद की प्राप्ति करता है |
गायत्री मन्त्र मानवजाति की सबसे बड़ी प्रार्थनाओं में से एक है | इस मंत्र का अर्थ है -
‘ईश्वर मुझमें व्याप्त हो जाए, और ईश्वर मेरे सारे पापों का नाश कर दे’
‘वह दिव्य ज्योति जो सारे पापों को जला देती है – उस दिव्य ज्योति की मैं पूजा करूं और उसमें ही समा जाऊं’ ‘हे ईश्वर,
मेरी बुद्धि को प्रेरणा दीजिये’