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नवरात्री आज से प्रारम्भ हो गई है | आज कलश स्थापना का समय सुबह 6:22 से 7:25 तक था | आज से पूरे नौ दिन माता की पूजा होती है | कई लोग व्रत भी रखते हैं | कुछ लोग पूरे नौ दिन के व्रत रखते हैं | जो लोग पूरे नौ दिन व्रत नहीं रख पाते वो लोग पहला और आखरी दिन का व्रत रखते हैं |
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हम आपको यहाँ पर नवरात्री पूजन की सबसे आसान विधि बताने जा रहे है, सबसे पहले नवरात्री के पहले दिन दुर्गा माँ की मूर्ति की स्थापित करते है और फिर माँ दुर्गा का श्रगार करते है और कलश मे जावरे बोते है और उसमे नारियल रखकर कच्चा सूत से बंध देते है उसके बाद पूजा की समाग्री इकट्ठा करते है जैसे कि अगरबत्ती, दीपक, रुई, घी, माचिस,सिंदूर, सुपारी,पूजा वाली हल्दी पान के पत्ते,केला, मिठाई आदि अब पूजा करने के लिए सबसे पहले दुर्गा माँ के समने दीपक मे घी डालकर रुईबती डालकर जलाये उसके बाद सिंदूर का टिका लगाए और सुपारी,हल्दी, पान, केला, सब दुर्गा माँ के चरणों मे चढ़ाये और उसके बाद दुर्गा माँ की आरती करके हवन करते है और भोग के लिए मिठाई चढ़ाते है और माँ के चरणों क़ो स्पर्श करके आशीर्वाद लेते है इस तरह से नवरात्रि की पूजा सम्पन्न होती है।
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दोस्तों अब नवरात्रि पर माता दुर्गा का पूजन करते ही हैं लेकिन आज इस पोस्ट में हम आपको नवरात्रि पूजन की आसान विधि बताएंगे। हिंदू धर्म में नवरात्रि विशेष पर्व होता है जिसमें में माता आदि जगदंबा की मूर्ति स्थापित की जाती है और 9 दिनों तक माता के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है माता के पूजन के लिए आपको पहले एक कलश स्थापित करना चाहिए और उनकी पूजा धूप दीप अगरबत्ती से करनी चाहिए माता जहां पर माता विराजमान होती हैं वहां पर चारों ओर मिट्टी डायल करो उसमें धन और गेहूं बोलना चाहिए। जो भक्त नवरात्रि के समय माता के नौ रूपों की पूजा पूरे श्रद्धा से करता है उसे भक्त की मनोकामना पूरी होती है।
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जैसे कि आप सभी जानते हैं कि अक्टूबर का महीना प्रारंभ होने वाला है और नवरात्रि प्रारंभ होने वाली है आज हम आपको नवरात्रि की पूजन विधि के बारे में बताएंगे जैसा कि आप सभी जानते हैं की नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है तो चलिए जानते हैं कि नवरात्रि में पूजा किस तरह से करनी चाहिए तो सबसे पहले सुबह उठकर स्नान ध्यान करना चाहिए इसके बाद कलश की स्थापना करनी चाहिए इसके बाद धूप अगरबत्ती से माता की पूजा करनी चाहिए इसके बाद माता की चौकी के चारों तरफ मिट्टी डालकर गेहूं या फिर जवा बोना चाहिए।
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