ब्रह्मचारिणी (संस्कृत: ब्रह्मचारिणी) का अर्थ एक समर्पित महिला छात्र है जो अपने गुरु के साथ अन्य छात्रों के साथ आश्रम में रहती है। यह देवी दुर्गा (पार्वती) के दूसरे पहलू का नाम भी है। नवरात्रि के दूसरे दिन (नवदुर्गा के नौ दिव्य रात्रि) देवी की पूजा की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी सफेद कपड़े पहनती हैं, अपने दाहिने हाथ में जप माला (माला) रखती हैं और बाएं हाथ में पानी का बर्तन कमंडल।
| Updated on December 12, 2023 | Astrology
नवरात्री के दूसरे दिन किस देवी माता की पूजा की जाती है ?
@vivekpandit8546 | Posted on October 16, 2020
नवरात्रि के 9 दिन माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है जैसे कि नवरात्रि के पहले दिन माता का पहला रूप यानी कि शैलपुत्री की पूजा की जाती है और नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन सभी श्रद्धालु माता की पूजा करने में पूरा समय व्यतीत कर देते हैं. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा शास्त्रीय विधि के साथ की जाती है।जो व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा दुखी रहता है और यदि वे इस समस्या से छुटकारा पाना चाहता है तो वह सच्चे मन से अगर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है तो उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।Loading image...
@vandnadahiya7717 | Posted on October 6, 2022
दोस्तों आपको नवरात्री के महत्व के बारे में जानते ही होंगे हिंदू धर्म में नवरात्री का विशेष महत्व होता है नवरात्रि में देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है दोस्तों क्या आपको पता है कि नवरात्री के दूसरे दिन किस देवी की पूजा की जाती है यदि आपको नहीं पता तो हम बताएंगे कि नवरात्रि के दूसरे दिन किस देवी की पूजा की जाती है नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री और दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है इस रूप में माता ने एक हाथ में कमंडल और दूसरे हाथ में अष्टदल की माला ली हैं माता ऊर्जा Loading image...और आंतरिक शक्ति की जननी होती है।
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि हमारे हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का कितना महत्व होता है। यह नवरात्रि 9 दिन की होती है जिसमें हम माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। इस नवरात्रि में सभी भक्तों व्रत रखकर मां दुर्गा की सेवा करते हैं और अपने मन को प्रसन्न रखते हैं। नवरात्रि में नव दुर्गा के एक अलग-अलग रूप होते हैं। जिसमें हर दिन हर एक मां का दिन होता है नवरात्रि के दूसरे दिन में मां ब्रह्मचारिणी का दिन होता है। जो भक्त सच्चे मन से मां ब्रह्मचारिणी का पूजन करता है उसके सारे दुख दूर होते हैं।Loading image...
और पढ़े- नवरात्री पूजन की आसान विधि क्या है ?
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप और नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। मां दुर्गा का यह स्वरूप ज्योर्तिमय है। ब्रह्मा की इच्छा शक्ति और तपस्विनी का आचरण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी त्याग के प्रति मूर्ति है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप,त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम के वृद्धि होती है। साथ ही कुंडली में मंगल ग्रह से जुड़े सारे दोषों से मुक्ति मिल जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी कार्य पूरे होते हैं,रुकावटें दूर होते हैं और विजय की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन की हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं।
देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्मा का रूप है अर्थात तपस्या का मूर्तिमान रूप है। ब्रह्मा का मतलब तपस्या होता है।तो वही चारिणी का मतलब आचरण करने वाली होता है। इस तरह ब्रह्मचारिणी का अर्थ है। तप का आचरण करने वाली देवी मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं हाथ में कमंडल है।
इस दिन सभी श्रद्धालु माता की पूजा करने में पूरा समय व्यतीत कर देते हैं। ब्रह्मचारिणी की पूजा शास्त्री विधि के साथ की जाती है, जो व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा दुखी रहता है और यदि वे इस समस्या से छुटकारा पाना चाहता है तो वह सच्चे मन से अगर मां ब्रह्मचारिणी पूजा करता है तो उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र-
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलु।
देवी प्रसिदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
आपको तो पता ही चल गया होगा कि नवरात्रि के दूसरे दिन किस देवी की पूजा की जाती है, नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। अगर आपको हमारा पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा हो तो लाइक करना और कमेंट करना ना भूले।
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