सबरीमाला अय्यप्पा स्वामी का मंदिर है, जो की आस्था का प्रतिक है | यह मंदिर केरल में स्थित है | इस मंदिर में एक खास बात यह है, कि यहां रात के अँधेरे में रुक-रूककर एक ज्योति दिखाई देती है | इस मंदिर में करोड़ों श्रद्धालु इस ज्योति के दर्शन करने के लिए आते हैं | यह भी कहा जाता है, कि जब-जब यह ज्योति दिखाई देती है, तब-तब कुछ शोर भी सुनाई देता है | इस ज्योति को देखने हर साल लोग जाते हैं, और यह भी मान्यता है, कि यह ज्योति देव ज्योति है और इसको भगवान प्रज्वलित करते हैं |
कुछ भक्तों की मान्यता है, कि यह ज्योति मकर ज्योति है, क्योकि सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर के प्रबंधन पुजारी के अनुसार ज्योति मकर माह के पहले दिन दिखती है, इसलिए इसको मकर ज्योति कहा जाता है |
सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर से जुड़ी कहानी :-
- सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर से जुड़ी कुछ बातें आपको बताते हैं | अय्यप्पा का एक और नाम है, "हरिहरपुर " | इसमें हरी का अर्थ है भगवान विष्णु और हर का मतलब है भगवान शिव | भगवान विष्णु के सुन्दर और मोहनी रूप को अय्यप्पा की माँ माना जाता है | सबरीमाला सबरी के नाम पर बना, जी हाँ वही सबसे जिसने भगवान रात को द्वापर युग में अपने झूठे बेर खिलाएं थे और भगवान राम ने उन्हें नवधा-भक्ति के बारें में उपदेश दिया था |
- कुछ इतिहासकारों के अनुसार, अय्यप्पा को पंडालम के राजा राजशेखर अपने पुत्र के रूप में गोद लिया था, परन्तु भगवान अय्यप्पा को यह अच्छा नहीं लगा और उन्होंने महल छोड़ दिया और चले गया | जिस दिन उन्होंने महल छोड़ा उस दिन मकर सक्रांति का दिन था | इसके चलते आज भी हर वर्ष मकर संक्रांति के दिन पंडालम राजमहल से अय्यप्पा के आभूषणों को एक संदूकों में रखा जाता है, और शोभायात्रा निकली जाती है | यह शोभायात्रा 90 किलोमीटर की यात्रा को पूरा कर के 3 दिन में सबरीमाला पहुंचती है | कुछ मान्यता है, कि कांतामाला पहाड़ की चोटी कुछ असाधारण चमकने वाली ज्योति दिखाई देती है |