योग में निम्न आसन के नियमित अभ्यास से स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है .
सर्वांगासन : सर्वागासन में हाथों के बल सम्पूर्ण शरीर को कन्धों पर संतुलित किया जाता है ,नियमित इस आसन का अभ्यास व्यक्ति को निरोगी रखने में मदद करता है .
हलासन : इस योगासन का अभ्यास पीठ एवं कमर की मांसपेशियों को आराम पहुँचता है . शुरुवात में इसे साधने में कठिनाई होती है . पर नियमित अभ्यास से इसमें महारथ हासिल की जा सकती है .
चक्रासन : दोनों हाथ एवं पैरों के सहारे कमर और छाती में खिंचाव उत्पन्न करता है ,संपूर्ण शरीर के लिए यह एक फायदेमंद योगासन है .
धनुरासन : नियमित इस आसन का अभ्यास शरीर में संतुन बनाये रखता है . यह अभ्यास तन मन को निरोगी रखने के लिए पर्याप्त है .
वज्रासन : एकमेव आसन जिसका अभ्यास आप खाना खाने के तुरंत बाद कर सकते है ,पाचनक्षमता को बढ़ता है .
नटराज आसन : भगवान् शिव का प्रिय आसन ,दुःख ,पीड़ा ,भय और मानसिक परेशानियों से मुक्ति दिलाता है.
सिंहासन : इसका अभ्यास गले की मांसपेशियों में विशिष्ट घर्षण उत्पन्न करता है ,जिससे गले से जुडी परेशानिया दूर रहती है .
बालासन : साधक में प्रकृति के प्रति समर्पित भावना को उजागर करता है ,जो मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ के लिए आवश्यक है .
प्रार्थनासन : प्रार्थना शक्ति से बड़े से बड़े विकारों से मुक्ति मिल जाती है , मानसिक शांति प्रदान करता है .
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