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ऊर्जा मंत्रालय ने कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना 2023 मे शुरू किया है,जल्द ही जीएचजी उत्सर्जन नियमों का पालन करने के लिए संस्थाओं को सूचित किया जाएगा,ये सुनिश्चित करने के लिए पहचानी गई संस्थाओं की बची हुयी ऊर्जा आवश्यकताओं का कुल प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों क़े स्तर मे आता है। सरकार ऊर्जा दक्षता ब्यूरो सिफारिशों के द्वारा इसको तौर-तरीके जारी करेगे। विद्युत मंत्रालय की सिफारिश पर MoEFCC बाध्य संस्थाओं के लिए उत्सर्जन को तीव्रता क़े साथ लक्ष्य को सूचित करेगा। उत्सर्जन तीव्रता सकल घरेलू उत्पाद की प्रत्येक इकाई के लिए उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैस क़े कुल मात्रा क़े बराबर होती है।
यदि बाध्य संस्थाएँ उनको सौंपे गए लक्ष्य से आगे की तरफ निकल जाती हैं तो उसे कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र अर्जित करना पड़ेगा । प्रमाणपत्र बीईई द्वारा मिलेगा,अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असमर्थ बाध्य संस्थाओं को कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र खरीदकर अपनी उस कमी को पूरा करना होगा। गैर-बाध्यकारी संस्थाएं भी इस योजना के तहत पंजीकरण करवा सकती हैं।
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क्या आप जानते हैं कि कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना क्या है यदि आप जानते हैं तो अच्छी बात है और यदि आप नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सन 2023 चल रहा है इस वर्ष ऊर्जा मंत्रालय ने कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना की शुरुआत की है जिसके तहत बहुत ही जल्द GHG उत्सर्जन नियमों का पालन करने के लिए संस्थाओं को सूचित किया जाएगा,कार्बन क्रेडिट सर्टिफिकेट व्यापार के माध्यम से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का मूल्य निर्धारण करके आईसीएम का उद्देश्य उद्योगों और संस्था को निम्न कार्बन मार्ग अपने के लिए प्रोत्साहित करता है इस योजना के तहत बाजार उत्सर्जन कम करने या फिर ऊर्जा दक्षता में सुधार करने के लिए प्रोत्साहन देता है इस प्रकार आप इस योजना के तहत अपने पर्यावरण को सुरक्षित बना सकते हैं।
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