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बेल पत्र का महत्व क्या है ?

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| Updated on October 9, 2023 | astrology

बेल पत्र का महत्व क्या है ?

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@krishnapatel8792 | Posted on June 13, 2022

बेल के पेड़ में जो पत्तियां होती हैं उन्हें बेलपत्र कहते हैं। बेलपत्र का बहुत महत्व है। बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं लेकिन उन्हें एक ही पत्ती मानते हैं.। भगवान शिव जी की पूजा बेलपत्र से की जाती है। बेलपत्र के बिना शिवजी की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने से हमारी मनोकामनाएं पूरी होती है। हमारे जीवन में जो भी दुख होते हैं शिवजी की पूजा करने से दूर होते हैं। बेलपत्र के और भी उपयोग हैं बेलपत्र से औषधि बनाई जाती है जिससे बीमारी ठीक होती है.।

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@poonampatel5896 | Posted on September 26, 2023

शिव पुराण बेलपत्र के पेड़ या उनके पत्तों की पूजा के महत्व की एक सुंदर व्याख्या प्रदान करता है मनुष्य ही नहीं बल्कि देवताओं को भी बेलपत्र के वृक्ष को पूजते हैं पुराने के अनुसार जो व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक शिवलिंग पर तीन बेलपत्र अर्पित करता है भगवान शिव उसकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं।

बेलपत्र एक अनोखा पौधा है और इसके कई औषधि लाभ है बेलपत्र में विटामिन और खनिज होते हैं विशेष रूप से विटामिन सी कैल्शियम पोटेशियम राइबोफ्लेविन फाइबर और विटामिन 6 विटामिन 12 और विटामिन ए से खनिज और विटामिन शरीर के समग्र विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है।

यह पौधा तीनों दोस्तों को संतुलित करने से सहायता करता है जिन्हें आयुर्वेद वात पित्त और कब के रूप में परिभाषित करता है इसके अलावा बेलपत्र का रोजाना सेवन किया जा सकता है जो आपके जीवन शैली से जो दूरी जड़ी बूटियां जैसे उच्च रक्तचाप हृदय की समस्याओं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करेगा।Loading image...

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@vandnadahiya7717 | Posted on September 27, 2023

दोस्तों आप सब बेलपत्र तो जानते ही होंगे लेकिन आज स्कूल में हम आपको बेलपत्र का महत्व बताएंगे। हिंदू धर्म में बेलपत्र का विशेष महत्व है। क्योंकि यह देवी देवताओं को चढ़ाया जाता है बेलपत्र को संस्कृत में बिल्व पत्र बोला जाता है बेलपत्र को पवित्र माना जाता है इंग्लिश में बेल पत्र को वुड एप्पल कहा जाता है पुराणों के अनुसार बेल पत्र का धार्मिक महत्त्व है हिन्दू धर्म में बेल पत्र बहुत दिव्य माना जाता है। क्योकि यह भगवान शिव को अति प्रिय होता है बेल पत्र एक त्रिकोणों वाला एक पत्ता होता है यह पता भगवान ब्रह्मा विष्णु महेश तीन की आंखों का प्रतीक माना जाता है जैन धर्म में भी बेलपत्र को बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो की भक्त भगवान शिव को सच्चे मन से बेलपत्र अर्पित करता है उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है बेलपत्र एक औषधि पौधा भी है इसमें विटामिन मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक है।

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@meenakushwaha8364 | Posted on September 27, 2023

शिव पुराण में बेलपत्र के पेड़ या उसके पत्तों की पूजा का विशेष महत्व होता है,मनुष्य ही नहीं बल्कि देवता भी बेलपत्र के पेड़ की पूजा करते हैं। पुराणों मे कहा गया है कि भगवान शिव जी क़े शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से हर एक व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती हैं।

तीज क़े दिन सभी महिलाएं तीज का व्रत रखती है, तीज क़े दिन शिव जी और माता पार्वती की शादी हुयी थी इसी दिन महिलाए और कुंवारी कन्याये व्रत रखती है और शिव जी फूल, फल चढाती है और बेलपत्र की पत्तीयाँ भी शिव जी को चढाती है क्योकि बेलपत्र क़े पत्ते का पूजा मे विशेष महत्व होता है। और बेलपत्र चढ़ाने से शिव जी बहुत ही प्रसन्न होते है, क्योंकि शिव को बेलपत्र की पत्तीयाँ बहुत ही प्रसन्न होती है। जो महिलाएं शिवजी को बेलपत्र चढ़ाते है उनकी हर मनोकामना शिव जी पूरी करते है।Loading image...

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@shikhapatel7197 | Posted on October 8, 2023

बेलपत्र को संस्कृत (BelPatra in Sanskrit) में बिल्व पत्र (Bilva Patra) कहा जाता है। BelPatra (बेलपत्र) को काफी पवित्र माना जाता है जिसे देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है। बिल्व शब्द का अर्थ बेल का पेड़ और पत्र का अर्थ पत्ता होता है। अंग्रेजी में बेलपत्र (BelPatra in English) को ऐगल मार्मेलोस (Aegle marmelos) या वुड एप्पल (Wood Apple) कहा जाता है। इस पौधे पर कठोर खोल और हल्के तीखे स्वाद वाला बेल फल लगता है। पुराणों और वेदों के अनुसार, बेलपत्र का धार्मिक, औषधीय तथा सांस्कृतिक महत्व है।

हिंदू धर्म में बेलपत्र पौधे (Belpatra Tree) को दिव्य पौधा माना जाता है, जिसे भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।

पौधों में सत्व गुण होते हैं, जो वातावरण में रज और तम गुणों के कणों को निष्क्रिय करने के लिए सात्विक तरंगों को अवशोषित और उत्सर्जित करते हैं।

इसके अलावा, बेलपत्र (Belpatra) एक त्रिकोणों वाला पत्ता है जो भगवान शिव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश की तीन आंखों को दर्शाता है। ये तीन आँखें, या शक्तियाँ, निर्णय लेने, कार्य करने तथा ज्ञान से जुड़ी हैं। Belpatra Tree को जैन धर्म में भी शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि 23वें तीर्थंकर पार्श्ववंत ने इसी वृक्ष के नीचे निर्वाण प्राप्त किया था।

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