'नाच न आवे आँगन टेढ़ा' मुहावरे का अर्थ है - अपनी असफलताओं को स्वीकार नहीं करके उसका दोष दूसरों पर डालना है।
मुहावरे का वाक्य प्रयोग – वह सब से कहती फिरती है कि वह नृत्य में माहिर है। जब उसे नृत्य करने के लिए कहा गया तो अपने पैर में मोच बता कर बहाना बना दिया। इसे कहते हैं नाच न जाने आंगन टेढ़ा।
मुहावरे का वाक्य प्रयोग – रमेश अपने आप को गणित का विद्वान समझता है। जब उसे दसवीं के कुछ प्रश्न हल करने के लिए दिए गए तो सिलेबस से बाहर के प्रश्न होने का बहाना बनाकर वहां से खिसक लिया। इसे कहते हैं नाच ना जाने आंगन टेढ़ा।
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