Chef (REDFORT CHINA BEIJING ) | पोस्ट किया | ज्योतिष
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क्या आप जानते हैं शनि का पाया क्या कहलाता है नहीं जानते होंगे तो आज के माध्यम से मैं आपको बताती हूं कि शनि का पाया क्या कहलाता है
लौह पाया :- मिथुन तुला और कुंभ इन तीनों राशियों पर शनि का लौह पाया रहेगा।शनी का यह पाया अच्छा नहीं माना गया है इन राशियों के लोगों को इस वर्ष पारिवारिक जीवन में काफी उथल-पुथल की स्थिति से गुजरना होगा।स्वास्थ संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इन्हें संभाल कर रहना होगा और चोट दुर्घटना भी आशंका है लाभ के मुकाबले खर्च अधिक होगा संयम से धन खर्च करें।
ताम्र पाया :- ताम्र पाया जिसकी राशि पर भी हो वह शुभ होता है इस वर्ष जिसकी राशियों में ताम्र पाया है उन लोगों को उनके करियर और नौकरी में सफलता मिलेगी विद्या मैं उनकी रुचि बढ़ेगी और जमीन या वाहन खरीदने की योग बनेंगे इस साल मिथुन,तुला और मीन राशि प्रथम पाया योग बना है।
और पढ़े- शनि जयंती का क्या महत्व है?
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चलिए आपको बताते हैं शनि पाया क्या कहलाता है ज्योतिषों में शनि की राशि परिवर्तन का बहुत ही महत्व होता है और जब शनि परिवर्तन होता है तो शनि का पाया भी बदल जाता है ज्योतिष शास्त्र में शनि का पाया चार प्रकार के बताए गए हैं जो शुभ और शुभ प्रभाव डालते हैं जब बच्चे का जन्म होता है तो जन्म कुंडली में चंद्र राशि से शनि जिस भाव में स्थित होता है उसी के अनुसार उसका पाया होता है पाया चार प्रकार के होते हैं इनमें से है जैसे सोना चांदी तांबा और लोहा इस प्रकार इन्हीं चारों में से एक पाया व्यक्ति के जन्म में से होता है इस साल मिथुन तुला और मीन राशि प्रथम पाया योग बना है शनि के पाया के फल का निर्माण किया जाता है इसे ही शनि का पाया कहते हैं शनि को शनि देव के नाम से भी जाना जाता है
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चलिए हम आपको बताते हैं कि शनि का पाया क्या कहलाता है, ज्योतिष में शनि की राशि परिवर्तन का बहुत ही महत्व होता है और जब शनि का परिवर्तन होता है तो शनि का पाया भी बदल जाता है ज्योतिष शास्त्र में शनि के पाया चार प्रकार के बताए गए हैं,जो की शुभ और शुभ प्रभाव डालते हैं जब बच्चे का जन्म होता है तो जन्म कुंडली में चंद्र राशि से शनि जिस भाव में स्थित होता है उसी के अनुसार उसका पाया होता है बच्चों के जन्म कुंडली में चंद्रमा तथा शनि को आधार बनाकर सनी के पाया तथा शनि के पाया के फल का निर्धारण किया जाता है इसे ही शनि का पाया कहते हैं। पाया चार प्रकार के होते हैं उनमें से हैं जैसे, सोना,चांदी, तांबा और लोहा। इस प्रकार इन्हीं चारों में से एक पाया व्यक्ति के जन्म के समय होता है।
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ज्योतिष शास्त्र में शनि की पाया का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आज भी मालूम नहीं है। कि सनी का पाया क्या होता है। हम आपको बता दें कि जैसे की 12 राशियां होती है सभी राशियों में शनि का पाया विराजमान होता है। सबसे पहले जानते हैं सनी के पाया के चार प्रकार होते हैं,सोने का पाया,चांदी का पाया,तांबे का पाया और चौथा है लोहे का पाया।जो की शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव डालते हैं। शनि का पाया कब प्रारंभ होता है चलिए बताते हैं जब बच्चों का जन्म होता है तो जन्म कुंडली में चंद्र राशि से शनि जिस भाव में स्थित होता है, उसी के अनुसार उसका पाया निर्धारण होता है। इस वर्ष मीन राशि तुला राशि का प्रथम पाया योग बन रहा है।
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