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भारतीय संविधान में 18-28 तक की धारा क्या है?


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भारतीय संविधान में 18 -28 तक क़ी धारा का अर्थ होता है कि जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को क्षति या ठेस पहुंचाने के उद्देश्य किसी कपट पूर्वक कार्य को करता है।और इसका मतलब यह हुआ है कि कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को धोखा देता है तो उसे कपट पूर्वक कार्य कहा जाता है और भारतीय दंड संहिता के अनुसार इस धारा का अर्थ होता है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसे व्यक्ति जो निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा में कोई भी बेईमानी करता है या किसी को ठेस पहुंचाता हैऔर भ्रम की स्थिति में छल पैदा या कपट करता है तो उस व्यक्ति को 18 से 28 तक की धारा लगाई जाती है Letsdiskuss


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भारतीय संविधान में 18-28 धारा का मतलब होता है कि जब भी कोई व्यक्ति अपने करीबी या किसी दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाता है या फिर उसे धोखा देता है या फिर उसे किसी प्रकार की क्षति पहुंचाता है यहां पर कपट का मतलब यह नहीं होता है कि उसे चोट पहुंचाए यहां कपट का मतलब यह होता है कि किसी भी प्रकार की बेईमानी करें या फिर खुद का मतलब निकालने के लिए उसके साथ छल करके जरूरी दस्तावेज को उसी तरह दूसरा बनवा कर उसके साथ धोखा करता है तो उसके ऊपर इस धारा को लगाया जाता है और उसे दंडित किया जाता है।Letsdiskuss

और पढ़े- भारतीय संविधान में कुल कितनी धाराएं हैं?


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भारत देश में जब किसी नागरिक द्वारा कोई अपराध किया जाता है तो उस अपराध को कानूनी रूप से परिभाषित करने तथा उसके दंडों का प्रावधान भारतीय दंड संहिता के अनुसार किया जाता है यह संहिता 1860 से ब्रिटिश शासन के समय से प्रभावी है आईये आज के इस लेख में हम जानते हैं भारतीय संविधान में मौजूद 18 से 28 तक की धाराओं के बारे में..

धारा 18 क्या हैं -

इस धारा का अर्थ है कि भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी का विस्तार क्षेत्र भारत के जम्मू एवं कश्मीर राज्य को छोड़कर पूरे भारत के सभी राज्यों पर लागू होता है लेकिन कुछ समय पहले अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह धारा पूरे भारतवर्ष पर लागू होती है।

धारा 19 क्या हैं -

भारतीय दंड संहिता धारा के अनुसार धारा 19 का संबंध न्यायाधीश से है यह धारा हमें बताती है कि हम न्यायाधीश शब्द को ना केवल किसी ऐसे व्यक्ति के लिए उपयोग कर सकते हैं जो किसी भी तरह के न्यायिक पद पर हो, बल्कि किसी ऐसे व्यक्ति के लिए भी उपयोग कर सकते हैं जो सभी नियमों का पालन करते हुए किसी कार्रवाई पर सभी निर्णयों को सही से लेता है या उसके न्यायिक फैसले को किसी न्यायिक अधिकारियों द्वारा सही कहा गया हो|

धारा 20 क्या हैं -

धारा 20 यह बताती है कि कोई भी न्यायाधीश की शक्तियां कौन सी हैं आखिर वह कौन सी स्थितियां जिनमें हम किसी व्यक्ति को न्यायाधीश बोल सकते हैं तो इस धारा के अनुसार यदि कोई न्यायाधीश न्यायालय में कुर्सी पर बैठा हुआ है और कोर्ट की कार्रवाई कर रहा है तो तब हम उसे न्यायधीश कह सकते हैं इसके अलावा यदि वह कहीं बाहर किसी जगह पर है तो उसकी न्यायाधीश की शक्तियां नहीं माना जाएगी ।

धारा 21 क्या हैं -

भारतीय दंड संहिता के अनुसार इस धारा का अर्थ है कि कोई भी एक ऐसा व्यक्ति जो निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करता है उसे हम लोक सेवक बोल लोकसेवक बोल सकते हैं।

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धारा 22 क्या हैं -

भारतीय दंड संहिता के अनुसार इस धारा का अर्थ है कि आप अपने किसी भी चल संपत्ति जो भू-तल से जुड़ी न हुई है को विस्थापित किया जा सकता है लेकिन किसी भी तरह की जगंम संपत्ति को विस्थापित नहीं कर सकता।

धारा 23 क्या हैं -

यदि कोई व्यक्ति अपने नुकसान को पूरा करने के लिए किसी गलत तरीके का इस्तेमाल करता है तो इसे धारा 23 के अंतर्गत गलत तरीके से नुकसान कवर करना कहा जाता है

धारा 24 क्या है-

यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे इरादे से किसी कार्य को करता है जिससे उस कार्य से किसी व्यक्ति को गलत तरीके का लाभ होता है और किसी व्यक्ति को गलत तरीके से हानि होती है तो ऐसे कार्य को धारा 24 के अंतर्गत गलत इरादे पूर्वक किए गए कार्य से परिभाषित किया जाता है।

धारा 25 क्या हैं -

इस धारा का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य किसी कपट पूर्वक कार्य को करता है यहाँ कपट पूर्वक कार्य का मतलब बेईमानी से नहीं होता है इसमें जब कोई व्यक्ति किसी नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य किसी को धोखा देता है तो इसे कपट पूर्वक कार्य कहा जाता है ।

धारा 26 क्या हैं-

धारा 26 का अर्थ है जब कोई व्यक्ति किसी काम को करता है तो उसे उस काम को कानूनी कानूनी रूप से सही साबित करने के लिए विश्वास करने का एक कारण देना होता है जिससे पता चलता है कि यह विश्वास करने लायक है भी या नहीं इस स्थिति में जब कोई व्यक्ति किसी काम के विश्वास करने का सही कारण नहीं दे पाता है और उस काम को गलत तरीके से करता है तो उसे इस धारा 26 के अंतर्गत सजा मिलती है

धारा 27 क्या हैं-

धारा 27 का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति Mr ABC अपनी किसी अवैध चीज को छुपाने के लिए तथा पुलिस से बचाने के लिए अपने किसी नौकर, दोस्त या करीबी रिश्तेदार को रखने के लिए कहता है तो इस अवैध तथा गैर कानूनी चीज के बरामद होने पर उस व्यक्ति Mr ABC पर भारतीय दंड संहिता धारा 27 के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है|

धारा 28 क्या हैं?

जब कोई एक व्यक्ति अपने किसी करीबी या दूसरे किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ खुद के मतलब को निकालने के लिए और किसी दूसरे व्यक्ति का फायदा उठाने के लिए वह धोखे से किसी भी तरह के दस्तावेज या अन्य चीजों को एक जैसा बनाकर भ्रम की स्थिति पैदा कर छल कपट करता है। तो उस पर उसके इस अपराधिक उद्देश्य के लिए धारा 28 लगाई जाती है।


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