Accountant, (Kotak Mahindra Bank) | पोस्ट किया | ज्योतिष
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संकष्टी चतुर्थी व्रत का हमारे जीवन मे बहुत महत्व है,संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से भगवान गणेश आपके संतान पर आने वाले सारे कष्टों क़ो दूर करती है, इसके साथ ही आपके वैवाहिक जीवन में तनाव क़ो भी खत्म करता है।इसके अलावा यदि आपके संतान कमजोर बुद्धि वालो क़ो आत्मविश्वास में वृद्धि भी इस व्रत क़ो करने से होती है, घर और कारोबार में आ रही परेशानियों,मांगलिक कार्य अच्छे से हो,इसलिए हमें भगवान गणेश की पूजा संकष्टी चतुर्थी वाली तिथि क़ो पूजा जरूर करना चाहिए।
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संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व:-संस्कृत भाषा में संकष्टी का अर्थ संकट या बाधा हरना होता है, इसलिए भक्तों को के बीच संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है और माना जाता है ऐसा करने से सभी दुख दूर होते हैं। भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए ये दिन सबसे शुभ माना जाता है,कहा जाता है कि यदि आप किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं। दो संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी का पूजन करने से परेशानियां और बढ़ाया दूर होते हैं। किसी भी पूजा या शुभ कार्य से पहले गणेश जी का पूजन किया जाता है। यह व्रत हर महिला अपने बच्चों के लिए होती है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान के सौभाग्य और उसकी लंबी आयु के लिए किया जाता है। साथी इस व्रत को सुख और समृद्धि की सामना के रूप में किया जाता है।
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संकष्टी चतुर्थी व्रत के महत्व के बारे में चलिए हम आपको बताते हैं जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कि संकष्टि चतुर्थी व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित है इस व्रत को जो भक्त सच्चे मन से करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, इस व्रत को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। यदि आप इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ पूरा करते हैं तो आपके ऊपर जो भी संकट आते हैं उन्हें भगवान श्री गणेश जी हर लेते हैं और आपको जीवन में सदैव सुख रहने का वरदान देते हैं।
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आइये हम आपको संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व बताते हैं। सबसे पहले जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का अर्थ क्या होता है। संकट को हरने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान श्री गणेश जी को समर्पित है यदि कोई भी भक्त इस व्रत को सच्चे मन से करता है तो उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं यदि आप सच्चे मन से भगवान श्री गणेश जी का व्रत करते हैं। इस व्रत को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस व्रत को मुख्य रूप से संतान के सौभाग्य और सुखी जीवन के लिए महिलाएं करती हैं। इसे कोई भी छोटे बच्चे औरतें, पुरुष और लड़के कर सकते हैं। और भगवान श्री गणेश आपसे खुश होकर आपके आशीर्वाद देते हैं।
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