Student (Delhi University) | पोस्ट किया | ज्योतिष
विसर्जन का अर्थ होता है जल में विलीन होना | किसी विशेष पूजा के बाद या फिर जिस मूर्ति का हम विसर्जन कर सकते हैं उनकी पूजा के बाद जब हम भगवान को घर से विदा करते हैं, और उनका विसर्जन जल में करते हैं तो इसे ही मूर्ति विसर्जन कहा जाता है | जिसका साफ़ अर्थ यह कह सकते हैं की मूर्ति का जल में विहीन होना विसर्जन कहलाता है | यह सबके लिए बहुत उत्साह भरे पल होते हैं, क्योंकि सभी लोग नाचते झूमते मंगल गीत गाते भगवान को कहते है कि वह अगले वर्ष फिर से ढेरों खुशियाँ लेकर आए और हमारे सभी दुःख दर्द अपने साथ साथ जल में विसर्जित कर दें |
(courtesy-hindustan)
आपको बताते है भगवान की मूर्ती विसर्जन के वक़्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए -
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