कहाँ हैं ये पेड़ पौधों का अस्पताल?

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| Updated on March 15, 2022 | Education

कहाँ हैं ये पेड़ पौधों का अस्पताल?

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@pritysingh8243 | Posted on March 14, 2022

पंजाब के अमृतसर में पेड़ पधों का एक अनोखा अस्पताल खुला है पर्यावरण को साफ सुथरा और पेड़ पौधों को हरा भरा रखने के उद्देश्य से यह अस्पताल खोला गया है इस अस्पताल में बीमार हुए पेड़ पौधों का इलाज किया जाएगा इतना ही नहीं इस अस्पताल में ट्री एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है 21 फरवरी को रोहित मेहरा ने इस अस्पताल को शुरू किया था ये अस्पताल भारत में हि नहीं पूरे विश्व में पेड़ पौधों का पहला अस्पताल हैं Loading image...

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@rameshkumar7346 | Posted on March 15, 2022

एक ऐसे हॉस्पिटल के बारें में जो न तो मनुष्यों का है, न ही किसी जानवर का है बल्कि ये अस्पताल पेड़ पौधों के लिए बनाया गया है| अभी तक दुनिया में इंसानों और जानवरों के अस्‍पताल होते थे और उन्हें ले जाने के लिए एंबुलेंस प्रोवाइड की जाती थी| लेकिन अब पेड़ पौधों के लिए भी अस्‍पताल बन गया है| इन पेड़-पौधों को इस अस्‍पताल तक पहुंचाने के लिए ट्री एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई है| और यह आश्चर्यजनक काम शुरू हुआ है पंजाब के शहर अमृतसर में हुआ है|

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नैरीफन पेड़ का क्या रहस्य है ?

आईआरएस अफसर रोहित मेहरा और गीतांजलि मेहरा ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है| इसके साथ ही वह वर्टीकल गार्डन भी बनाते हैं, जिसमें वह वेस्ट प्लास्टिक का use करते हैं जिसमें वह पौधे लगाते हैं| इस अस्पताल की शुरुआत इसलिए की ताकि वह पेड़ पौधों को बचाकर प्रकर्ति की रक्षा कर सके| इस प्रोजेक्ट के चलते उन सभी पेड़-पौधे का इलाज़ होता है जो मुर्झाने लगते हैं| रोहित मेहरा की ओर से इसी मकसद को लेकर ट्री एंबुलेंस भी शुरू की गई है|

इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि जो भी लोग अपने पेड़-पौधों का इलाज चाहते हैं| वो इस 8968339411 मोबाइल नंबर पर कॉल कर के जानकारी दे सकते हैं| उसके बाद इनकी टीम जाकर पेड़ पौधे की जांच करेगी, जिससे इस बात की जानकारी हो पाए कि पेड़ या पौधे में क्या दिक्कत है| पेड़ या पौधे को ले जाने वाली ट्री एंबुलेंस का नाम ‘पुष्पा ट्री एंड प्लांट हॉस्पिटल एंड डिस्पेंसरी’ रखा गया है| और इसकी सबसे खास बात है कि यह सेवा पूरे अमृतसर में उपलब्‍ध है और वो भी फ्री|

रोहित मेहरा ने इस प्रोजेक्ट की इसलिए कि क्योंकि कुछ समय पहले प्रदुषण इतना अधिक बढ़ गया था कि इसके कारण बच्चों के स्कूल बंद करने की नोबत आ गई थी| और ये जितनी चिंता का विषय था उतना ही जानलेवा भी था| इस दिक्कतों को देखते हुए रोहित मेहरा ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की| वर्टिकल गार्डन में छोटे छोटे गमलों को मिक्स कर के बनाया जाता है| जिसमें कई सारे गमले में छोटे छोटे पौधे लगाकर उन्हें एक कतार में पौधे लगाये जाते हैं|

यह दिखने में बड़े ही सुन्दर लगते हैं और साथ ही या प्रकर्ति को भी बचा रहे हैं| ऐसा प्रोजेक्ट शुरू करना इतना आसान नहीं था लेकिन रोहित मेहरा द्वारा शुरू इस प्रोजेक्ट को शुरू हुई और इससे मानव जीवन भी सुरक्षित है और हमारी प्रक्रति भी| वर्टिकल गार्डन में अब वेस्ट प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है| जिसमें सभी प्रकार कि प्लास्टिक बोतल का प्रयोग किया जाता है| वर्टिकल गार्डन की वजह से धरती में जमा प्लास्टिक का कूड़ा ही कम हुआ है| साथ ही प्रकर्ति की सुन्दरता भी बढ़ी है|

अब तक रोहित मेहरा ने 9 स्टेट में 7 लाख बोतल का प्रयोग कर के 500 से ज्यादा वर्टिकल गार्डन का निर्माण किया है| इससे मानव जीवन में भी काफी सुधार आया है|

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