रुपये के कमजोर होने और डॉलर के मजबूत होने से निम्नलिखित समूहों को लाभ हो सकता है:
1. निर्यातक: कमजोर रुपया विदेशी खरीदारों के लिए निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी और सस्ता बनाता है। निर्यातक जब अपनी कमाई को वापस स्थानीय मुद्रा में परिवर्तित करते हैं तो वे विदेशी मुद्रा में अधिक राजस्व अर्जित कर सकते हैं।
2. विदेशी निवेशक: एक मजबूत डॉलर विदेशी निवेशकों के लिए भारत में निवेश को और अधिक आकर्षक बनाता है। जब वे स्टॉक, बॉन्ड या रियल एस्टेट जैसी भारतीय संपत्तियों में निवेश करते हैं तो उन्हें अपने डॉलर के बदले अधिक रुपये मिल सकते हैं।
3. विदेशी मुद्रा ऋण वाली भारतीय कंपनियां: जिन कंपनियों ने अमेरिकी डॉलर जैसी विदेशी मुद्रा में उधार लिया है, उन्हें मजबूत डॉलर से लाभ होगा क्योंकि इससे स्थानीय मुद्रा में उनके ऋण को चुकाने का बोझ कम हो जाएगा।
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चलिए हम आपको बताते हैं कि रुपया कमजोर होने पर और डॉलर के मजबूत होने पर किसका फायदा होगा इसमें विदेशी मुद्रा ऋण वाली भारतीय कंपनियां जिन कंपनियों ने अमेरिकी डॉलर जैसी विदेशी मुद्रा में उधार लिया है इस तरह के लोगों को विदेशी डॉलर से फायदा होगा क्योंकि इससे स्थानीय मुद्रा में उनके ऋण को चुकाने में आसानी मिल जाएगी इस प्रकार उन्हें कर्ज कम देना पड़ेगा इसके अलावा जो निर्यातक होंगे उन्हें विदेशी कंपनियों में निर्यात करने के लिए काफी सारी छूट मिलेगी क्योंकि रुपया कमजोर होने पर डॉलर मजबूत हो जाता है।
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