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मयंक मानिक

Student-B.Tech in Mechanical Engineering,Mit Art Design and Technology University | पोस्ट किया |


विश्व अस्थमा दिवस क्यों मानते है?


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| पोस्ट किया


क्या आप जानते हैं विश्व अस्थमा दिवस क्यों मनाते हैं नहीं जानती होंगे तो चलिए आज मैं आपको इस पोस्ट पर बताती हूं कि विश्व अस्थमा दिवस क्यों मनाते हैं ।पूरे विश्व में विश्व अस्थमा दिवस मई महीने के पहले मंगलवार को मानना घोषित किया गया है। इसलिए प्रतिवर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को दुनिया भर में विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। विश्व अस्थमा दिवस की शुरुआत सन 1993 से की गई तथा इस दिन को मनाने की पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) के सहयोग से हुई थी। इसके बाद सन् 1998 में जब यह दिन मनाया गया तब इसमें 35 से ज्यादा देश शामिल हुए। अस्थमा रोग सांस से संबंधित रोग है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। सांस नली में सूजन आ जाने के कारण वह छोटी हो जाती है, जिसके कारण रोगी को बराबर सांस नहीं आ पाती। ऐसे रोगी को सांस भी छोटी-छोटी और धीरे-धीरे लेनी होती है।ऐसे रोगी जब मेहनत वाला काम करते हैं या फिर डालने वाला कोई काम करते हैं तो अक्सर उनकी सांस फूलने लगते हैं। अस्थमा जिससे दमा रोग के नाम से भी जाना जाता है।यह एक फेफड़ों से जुड़ी एक बीमारी है।Letsdiskuss

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Content Writer | पोस्ट किया


विश्व अस्थमा दिवस किसी निश्चित दिन नहीं होता , मई महीने का पहला मंगलवार विश्व अस्थमा दिवाक के रूप में मनाया जाता है | साल 1998 को विश्व अस्थमा दिवस की शुरुआत की , इस दिन पूरे विश्व में अस्थमा रोगियों को इस रोग से लड़ने के लिए गतिविधियों का आयोजन किया गया था , तब से हर साल मई का पहला मंगलवार विश्व अस्थमा दिवस के रूप में मनाया जाता है |


अस्थमा रोग क्या है :-
अस्थमा रोग सांस से सम्बंधित रोग है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ महसूस होतो है | स्वांस नली में सूजन आ जाने के कारण वह छोटी हो जाती है, जिसके कारण रोगी को बराबर सांस नहीं आ पाती | ऐसे रोगी को सांस भी छोटी-छोटी और धीरे-धीरे लेनी होती है | ऐसे रोगी जब मेहनत वाला काम करते हैं, या फिर दौड़ने वाला कोई काम करते हैं तो अक्सर उनकी सांस फूलने लगती है, और जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी होती है |

विश्व अस्थमा दिवस को मानाने का उद्देश्य :-
विश्व अस्थमा दिवस मानाने का मुख्य उद्देश्य लोगों की इस रोग को लेकर जागरूक करना है | ताकि लोग अपने स्वास्थ को लेकर फिकरमंद रहें और अच्छे स्वास्थ के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करें | भारत में लगभग 15 से 20 करोड़ रोगी हैं जिसमें 12 प्रतिशत लोग अस्थमा के रोगी हैं जिसमें सिर्फ बड़े नहीं बल्कि बच्चे भी शामिल हैं |

Letsdiskuss (Courtesy : The Ample News )



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