विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है इसे मनाने के पीछे कारण क्या यह जानना आपके लिए दिलचस्प होगा। what is the reason of the celebrate 5 June Paryavaran Divas
पर्यावरण का मतलब what is the meaning of Paryavaran in Hindi
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सरल शब्दों में जा कहीं तो पर्यावरण का मतलब होता है जो हमारे चारों तरफ से वायु, जल, मिट्टी आदि का एक आवरण। यानी कि हम चारों तरफ ऐसे आवरण से घिरे हुए हैं जिनमें जीवन पनपता है।
इसी को पर्यावरण environment कहा जाता है और इसमें तत्व जीव जंतु वनस्पतियां पाई जाती है जिन से धरती पर जीवन चक्र चलता है। इसमें जीवन देने वाली अजैविक पदार्थ abiotic material जैसे धरती जल हवा सूरज की किरणें धरती चट्टान आदि है जिससे पृथ्वी पर वनस्पति और जीव जन्तुओं (biotic material living things) का जीवन पलता है। पर्यावरण के जल चक्र (water cycle) वायु चक्र (air cycle) मृदा चक्र (clay cycle) से जीवन चलता है। खाद्य चक्र (food cycle) कार्बन चक्र (Carbonn cycle इत्यादि के बारे में आपने भी विज्ञान में पढा (study) होगा अगर इन चक्रों में असंतुलन हो जाए तो उस क्षेत्र का पर्यावरण असंतुलित हो जाता है और वन उपवन जल वर्षा ऋतु आदि पर प्रभाव पड़ने लगता है जिस कारण से पर्यावरण प्रदूषण (environment pollution) की संज्ञा दी जाती है।
प्रदूषण से धरती को बचाने के लिए पर्यावरण दिवस (Paryavaran Divas 2022) जागरूकता के लिए मनाया जाता है ताकि हम अपने धरती को बचाने की मुहिम (save campaign for our Earth) में स्वयं को आगे लाएं। हमारी आने वाली पीढ़ी को मालूम होना चाहिए कि आज अगर हमने पर्यावरण को बचाया तो आने वाले वक्त में पर्यावरण हमारा साथ देगी और यह धरती खुशहाल बनेगी, हमारा जीवन खुशहाल होगा। पेड़-पौधे-जंतु जैव विविधता (biodiversity) यह सब बहुत जरूरी है हर भाषा में हर देश में इन सभी से ऊपर लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम (paryavaran jagrukta karykram) चलाए जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ पर्यावरण को लेकर बहुत चिंतित है और वह आप सभी राष्ट्रों से पर्यावरण संतुलन के किए गए प्रयासों की एक रूपरेखा तैयार करके उन्हें देती है उस पर अमल करने के लिए पर्याप्त साधन और संसाधन उपलब्ध कराती है।
5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने का कारण क्या है?
दोस्तों हम पृथ्वी वासी हैं और हमें 365 दिन पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना चाहिए। लेकिन अफसोस है कि दुनिया के अधिकांश देशों में पर्यावरण के नुकसान का ही काम अधिक होता है।
नदियों, पर्वतों, समुद्रों, धरती इन सब का दोहन हो रहा है जिस कारण से पर्यावरण असंतुलित हो रही है। बड़े-बड़े जंगल जो घने थे, वह धीरे- धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिस कारण से कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा इस धरती को गर्म और जहरीली बना रही है।
पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
जन जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ (sanyukt Rashtra Sangh celebrated environmental day ) ने 5 जून 1972 को पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला लिया था। पर्यावरण के प्रति पूरी दुनिया में राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने का फैसला लिया गया था। 12 दिन का पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया। 5 जून से लेकर 16 जून तक चला और उसमें चर्चा हुई कि हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कैसे कर सकते हैं यानी अपने पर्यावरण को दूषित होने से कैसे बचा सकते हैं?
यही नहीं 1974 में यानी 2 साल बाद फिर 5 जून को पहली बार पर्यावरण दिवस मनाया गया और यह पर्यावरण दिवस हर साल पर्यावरण के प्रति इंसानों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।