चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग से भारत को नय...

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| Updated on July 23, 2019 | News-Current-Topics

चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग से भारत को नया फायदें होंगें ?

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@poojamishra3572 | Posted on July 23, 2019

इस बात से हम सभी वाकिफ है की अभी हाल ही में इसरो ने चंद्रयान 2 मिशन का आगाज़ किया और भारत ने अपनी तरक्की की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए चांद पर भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को सोमवार को श्रीहरिकोटा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए प्रक्षेपित किया गया |



Loading image...courtesy-Latestly.com


अंतरिक्ष की दुनिया में बीते सोमवार को ही भारत ने एक नया इतिहास रचा और 'मिशन मून' के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी ISRO ने दोपहर 2.43 मिनट पर चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की इतना ही नहीं बल्कि चांद पर कदम रखने वाला ये हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा मिशन होगा | आपको जान कर ख़ुशी होगी की भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा |


भारत से पहले ले अमेरिका, रूस और चीन ऐसा यह हैरतअंगेज़ कारनामा कर दिखाया है | इस मिशन में लैंडर का नाम विक्रम है और रोवर का नाम प्रज्ञान है, और विक्रम भारत के इसरो के पहले प्रमुख विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है |

अब आप इस बात को जानने के इच्छुक होंगें की लैंडर और रोवर क्या है?

लैंडर वो है जिस वाहन के जरिए चंद्रयान चांद पर पहुंचेगा, और रोवर का मतलब जो चांद पर पहुंचने के बाद वहां की स्थिति पर अध्ययन करेगा और हमें इसके बारें में जानकारी मिलेगी |

आइए आपको बतातें है इससे भारत को क्या फायदें हो सकते है -

- चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आज तक कोई यान नहीं उतरा है और चंद्रयान-2 ऐसा करने वाला पहला यान बनेगा जो साल 2009 में चंद्रयान-1 के जरिए चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति का पता लगाने के बाद से भारत ने वहां पानी की खोज लगातार जारी रखी है | ये मिशन इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि चांद पर पानी का पता लगाने के बाद ही वहां जिवन की संभावनाओं के बारें में मालूम चलेगा और हम चाँद के बारें में और ज्यादा जान पाएंगे |

- इस मिशन के जरिये हम पानी की खोज, मनुष्य के रहने की संभावना तलाश करेंगे -
इसरो प्रमुख के. सिवन ने बताया, मिशन का लक्ष्य पानी की उपस्थिति को खोजने के अलावा शुरुआती सौर मंडल के 'फॉसिल रिकॉर्ड' को भी खोजा जाएगा, जिसके जरिए यह जानने में भी मदद मिल सकेगी कि हमारे सौरमंडल, उसके ग्रहों और उनके उपग्रहों का निर्माण किस तरह से हुआ |


- इस मिशन की सहायता से 2022 तक चांद पर अपने अंतरिक्ष यात्री उतारने की योजना में है भारत |


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