भारत ने अपनी तरक्की की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए चांद पर भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को सोमवार को श्रीहरिकोटा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए प्रक्षेपित किया गया |
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यह चेन्नई से लगभग 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण अपराह्न दो बजकर 43 मिनट पर किया गया और इसके साथ ही इस मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये बताई गयी है | हाल ही एक सप्ताह पहले तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रोक दिया गया था अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने 15 जुलाई को मिशन के प्रक्षेपण से 56 मिनट 24 सेकंड पहले मिशन नियंत्रण कक्ष से घोषणा के बाद रात 1.55 बजे इसे रोक दिया था |
यहाँ तक की कई बड़े वैज्ञानिकों ने इस बात की सरहाना करते हुए यह भी कहा की जल्दबाजी में कदम उठाने से बड़ा हादसा हो सकता था, इससे बेहतर था इससे रोकना | तीन दिन पहले ही इसे प्रक्षेपित किये जाने की नई तिथि की घोषणा हुई और इसरो ने घोषणा की कि रविवार की शाम छह बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण के लिए 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू कर दी |