जिस प्रकार श्री राम को पुरुष में उत्तम और पुरुषोत्तम कहा जाता है ठीक उसी प्रकार माता सीता भी महिलाओं में से सबसे उत्तम है आइए आज हम बता रहे हैं कि सीता माता किस प्रकार की थी।
सीता माता एकदम सत्य की बनी हुई थी सीता माता का जब रावण ने उनका अपहरण किया था और उन्हें अशोक वाटिका में रखा था तब भी सीता माता ने कठिन परिस्थितियों में सील सहनशीलता साहस और धर्म का पालन किया और रावण ने उन्हें मास दाम दंड भेद तरह की नीति से अपने और झुकाने का प्रयास किया लेकिन सीता माता नहीं झुकी थी क्योंकि रावण की ताकत और वैभव में अपने पति श्री राम और उनकी शक्ति ही नजर आती थी। सीता माता इतनी सत्य की बनी हुई थी उन्होंने धरती माता के अ गोद में आने का वरदान मांगा तो धरती माता भी फट कर उन्हें अपने गोद में स्थान दे दिया और सीता माता के ऊपर किए गए जुर्म में भी वे अपने पति के खिलाफ कभी भी कुछ भी नहीं बोली वह एकदम सत्य की नीति अपनाई है इसीलिए महिलाओं में इन्हें उत्तम माता भी कहा गया है.। Loading image...
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