आपको जान कर ख़ुशी होगी की गणित का प्रयोग मनुष्य बहुत पहले से ही करता आ रहा है और जैसे जैसे मनुष्यता जटिलता की ओर अग्रसर हुई है उसी तरह गणित भी जानवरों, पत्थर के औजारों और फलों आदि की गिनती से शुरू होकर आज कैलकुलस जैसे जटिल रूप में हमारे सामने है।
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गणित को हमेशा से एक कठिन विषय माना गया है और इसी वजह से कई बच्चे अभी भी गणित की परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला पाते हैं। हालांकि अगर आप एक बार ठीक से गणित के सूत्रों को समझ लें तो इसके सवालों को हल करना बहुत आसान हो जाता है। लेकिन आज भी कई लोगों को गणित सिर्फ एक पहेली जैसी लगती है |
आइए आपको गणित के बारें में कुछ रोचक बाते बतातें है -
- रोमन अंक पद्धति में शून्य(0) यानी जीरो का कोई स्थान नहीं है और शून्य का आविष्कार भारत में ही हुआ था।
- गणित की दशमलव प्रणाली भारत से अरब होते हुए वहां के गणितज्ञ अल-ख़्वारिजिमि के माध्यम से यूरोप तक पहुंच पायी थी। इतना ही नहीं बल्कि पूर्व में यूरोप में बैबीलोनिया की गणितीय प्रणाली प्रयुक्त होती थी जिसका आधार 10 न होकर 60 होता था।
- समान परिधि की आकृतियों में वृत्त का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा होता है और इसके विपरीत समान क्षेत्रफल की आकृतियों में वृत्त की परिधि सबसे कम होती है ।
- आप इस बात को नहीं जानते होंगें की PI (π) के मान 3.14 को उल्टा लिखने पर अंगेरजी में PIE जैसा दिखता है।
- गणितीय संकेतों (+) और (-) का प्रयोग हज़ार सालों से हो रहा है पर अधिकांश गणितीय संकेतों की उत्पत्ति सोलहवीं शताब्दी में जाकर हुई है और तब यह एक बड़ा बदलाव साबित हुआ।
- बराबर(=) का चिन्ह 1557 में वेल्स के गणितज्ञ रॉबर्ट रेकॉर्ड द्वारा इजात किया गया था |
- ‘2’ एकमात्र सम अभाज्य संख्या है। वहीँ बहुत कम लोगों को यह पता है कि शून्य भी एक सम संख्या है।
- अंग्रेजी के Hundred शब्द की उत्पत्ति “Hundrath” शब्द से हुई है जिसका मतलब 100 की बजाय 120 हुआ करर्ता था |
- यह एक हसी दिलाने वाला तथ्य है कि555 को थाईलैंड में ‘हाहाहा’ कहा जाता है क्योंकि वहां “5” का उच्चारण ‘हा’ है।
- 14 अक्टूबर को ‘विश्व
गणित दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
अगर किसी संख्या को 9 से गुणा किया जाए तो परिणाम के सभी अंको का योगफल 9 ही होगा उदाहरण स्वरूप 345*9=3105 और इन अंकों का योगफल भी 3+1+0+5=9 है।