Kriya Yog यह योग की सबसे गहरी पद्धति होती है। दोस्तों दो शब्दों से मिलकर बना है क्रिया यानी एक्शन योग यानी शरीर को जोड़ना होता है। मन का जो गहराई स्तर होता है, उसे चित्त कहते हैं और चित्त ब्रह्मांड से जब जुड़ता है तो इसे योग कहते हैं।
प्राणायाम की सबसे गहरी अवस्था यानी इसमें ध्यान सबसे अधिक होता है यही क्रियायोग है। क्रिया योग की पद्धति को हासिल करने के लिए बहुत ही त्याग और समर्पण की जरूरत होती है।
इसमें शरीर की प्राण शक्ति और शक्ति का योग होता है और योग की सबसे कठिन प्राचीन प्रणाली है।
क्रिया योग आसन के माध्यम से सबसे आसान मन के अंदर चलने वाली एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है। क्रिया योग के माध्यम से शरीर के अंदर के खून में ऑक्सीजन का प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। क्रिया योग के ही कारण हमारे अंदर का जो जीवन सक्रिय हो जाता है। रीड की हड्डी पर पाए जाने वाले एक्टिव हो जाते हैं।
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क्रिया योग के लाभ
शरीर को शारीरिक एवं मानसिक शक्ति मिलती है।
शारीरिक और मानसिक रोग दूर होते हैं।
एकाग्रता प्रेरणा जान और आध्यात्मिक साक्षात्कार प्राप्त होता है। योग के जरिए कई असाध्य रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। स्वसन क्रिया के कई आयाम में होते हैं जिस कारण से शरीर के सभी विकार दूर हो जाते हैं।
क्रिया योग करने वाला इंसान आध्यात्मिक रूप से सबसे ऊंचा हो जाता है।
शारीरिक मोहमाया उसे बेकार लगने लगती है।
उसका आभामंडल खिल जाता है और सकारात्मक ऊर्जा के कारण वह भूत भविष्य के बारे में भी अनुमान लगाने वाला हो जाता है।
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