गणपति उत्सव का आरंभ
सन 1881 में लोकमान्य तिलक पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गए। मराठा एवं केसरी नामक समाचार पत्रों के माध्यम से वह जनता के निकट संपर्क में आ गए थे। अब उन्होंने समाज - सुधार के क्षेत्र में पदार्पण किया।
शास्त्रों के आधार पर सन 1890-91 में उन्होंने अस्पृश्यता - निवारण बिल तथा विधवा - विवाह का विरोध किया। उन्होंने यह बात डंके की चोट पर कहीं के कानून द्व
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