- मानव के स्वार्थी होने के अनेकों कारण है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में देखे तो मानव भौतिक सुखों के पीछे भागते रहते हैं। हर किसी के मन में एक होड़ सी लगी है। और इसी होड़ में लगे रहने के कारण मानव मानसिक सुख की प्राप्ति नहीं कर पा रहा है। हर कोई अपने विपक्षी से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। और इस प्रतिस्पर्धा में है वह इतना स्वार्थी हो गया है कि वह अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर देता है। तो हर किसी से प्रतिस्पर्धा होना। मानव के लिए एक स्वार्थ का विषय बन गया है।
मनुष्य स्वार्थी क्यों होता जा रहा है?
@arjunkumar7099 | Posted on May 28, 2021
अपनी जरूरतों को सबसे पहले रखते हुए इतने सारे लोग आजकल इतने स्वार्थी क्यों लगते हैं? कोरोनावायरस ने न केवल हमारी आबादी को खत्म कर दिया है और जीवन को चिंताजनक स्थिति में डाल दिया है, यह चरित्र की परीक्षा भी है। एक ऐसी परीक्षा, जिसमें कुल मिलाकर हम असफल होते दिख रहे हैं। लोग मास्क पहनने, महामारी के वास्तविक तथ्य, ज़बरदस्त नस्लवाद और पुराने स्मारकों को लेकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं, जबकि यह सब दूसरों के लिए शुद्ध स्वार्थ से प्रेरित प्रतीत होता है – राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी पक्षों से आने वाली भावना। यह स्वार्थी व्यवहार कहां से आता है, संकटों की एक श्रृंखला से बढ़ गया है?
@meenakushwaha8364 | Posted on July 25, 2023
मनुष्य इसलिए स्वार्थी होता जा रहा है, क्योंकि आज के समय हर व्यक्ति आपने बारे मे सोचता है वह किसी के बारे मे नहीं सोचता है। आपने स्वार्थ के लिए लोगो से मतलब रखता है ज़ब तक अपना काम रहता है दुसरो व्यक्तियों से अपना काम निकलवाने के लिए मतलब रखता है और ज़ब उनका अपना खुद काम निकल जाता है, तो दूसरे अन्य व्यक्ति से पूरी तरह से बात करना बंद कर देता है क्योकि ऐसे लोग स्वार्थी होते है।
@vandnadahiya7717 | Posted on July 26, 2023
दोस्तों आपने सुना ही होगा कि मनुष्य स्वार्थी होता जा रहा है पर ऐसा क्यों हो रहा है आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे दरअसल आज के वर्तमान समय में मनुष्य केवल अपने बारे में ही सोचता है और अपनी जरूरतों को पाने के लिए वह किसी को भी अपना मित्र बना सकता है और जरूरत खत्म होने पर वह उसी मित्र को पहचानने से भी इंकार कर देता है इसीलिए लोग कहते हैं कि मनुष्य स्वार्थी होता जा रहा है।
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चलिए हम आपको बताते हैं कि आज कल के मनुष्य इतने अधिक स्वार्थी क्यों होते जा रहे हैं दरअसल इसके पीछे का कारण यह है कि मनुष्य अपनी भागदौड़ की जिंदगी में इतना अधिक व्यस्त हो गया है कि उसके पास खुद के लिए तो समय रहता ही नहीं तो दूसरों के लिए क्या समय निकालेगा, इसलिए आज के समय का मनुष्य खुद का काम देखता है कि पहले खुद का काम किया जाए बाद में दूसरों का हो या ना हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए कहते हैं कि आज के समय का मनुष्य स्वार्थी हो गया है।
