पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव जितने के साथ देश का माहौल काफी बदल चुका है। आजकल कुछ लोग है जो की छोटी छोटी बातो को लेकर देशभक्ति का सर्टिफिकेट देते है। अगर कोई ऐसी विचारधारा लेकर आये की जो सामान्य से अलग हो तो लोग उसे देशद्रोही का टैग देने से इतराते नहीं। यानी की ऐसा कहा जा सकता है की यह कुछ लोग है जो की तय करते है की कौन देशभक्त है और कौन देशद्रोही।
सौजन्य: इंडिया टुडे
वर्तमान दौर में भाजपा के लोग राष्ट्रवादी अजेंडा पर चल रहे है जहाँ देशभक्ति कम और लोगो को देशभक्ति का नशा कराने की साजिश ज्यादा दिख रही है। इस राष्ट्रवाद के एजेंडा को क्या JDU अड़ंगा लगा सकता है?
इस सवाल का स्पष्ट उत्तर है ना। JDU कोई इतना बड़ा पक्ष नहीं है की भाजपा के इस एजेंडे को रोक सके। सबसे पहले तो यह पार्टी की खुद की भी कोई इतनी बड़ी क्षमता नहीं है की जो रूलिंग पार्टी को कुछ भी करने से रोक सके। JDU एक ऐसी पार्टी है जो की कुछ राज्यों तक सिमीत है जब के यह एजेंडा चलानेवाले भाजपा का कार्यक्षेत्र अब काफी हद तक बढ़ चुका है और इसी लिए उसके किसी एजेंडा चाहे वो फिर राष्ट्रवाद का ही क्यों न हो, उसे रोकना JDU के बस की बात नहीं है।