सनी देओल की फिल्म ब्लैंक आज रिलीज़ हो चुकी है | सनी देओल के राजनीती में कदम रखने के बाद यह उनकी पहली फिल्म है | वैसे तो सनी देओल जाने माने कलाकार हैं, जो कि अपने अभिनय से ज्यादा अपनी आवाज से जाने जाते हैं | सनी देओल वैसे तो इतने प्रसिद्द अभिनेता नहीं है, परन्तु फिर भी जितनी फिल्मों में वो आये हैं उनका अभिनय कबीले तारीफ रहा है |
जैसा कि बॉलीवुड में नए चेहरों का लाना एक चलन बन गया है, वैसे ही इस फिल्म में सनी देओल के अलावा अभिनेता के रूप में एक नया चेहरा नज़र आया है | डिंपल कपाड़िया की बहन सिंपल कपाड़िया के बेटे करण कपाड़िया ने इस फिल्म के साथ अपना फ़िल्मी करियर शुरू किया है | इस फिल्म में वह एक ऐक्शन हीरो के रूप में नज़र आये हैं |
बेशक ब्लैंक के निर्देशक बेहजाद खंबाटा ने अपनी इस फिल्म में सनी देओल जैसे बड़े अभिनेता और कई सितारों के साथ मिलकर यह फिल्म बना तो ली पर इस फिल्म की स्क्रिप्ट दमदार नहीं है , वो अच्छी होती तो फिल्म शायद बहुत अच्छी होनी थी |
फिल्म की कहानी में करण कपाड़िया जिनका नाम हनीफ है, एक सूइसाइड बॉम्बर है, को कि शहर के सभी हिस्सों में लोगों को मोबाइल से निर्देश देता रहता है और तभी अचानक उसका एक्सीडेंट हो जाता है और वह अपनी याददास्त खो देता है | इस बीच जब उसको अस्पताल ले जाया जाता है तब इस बात का राज़ खुलता है कि वह एक सूइसाइड बॉम्बर है।
हनीफ का एनकाउंटर करने का फैसला किया जाता है पर तभी एक कॉल और कहानी 12 घंटे पीछे | इसके बाद सनी देओल जो कि ATS Chief हैं, इनको एक जानकारी में यह पता चलता है कि शहर में बहुत बड़ी संख्या में HMX (विस्फोटक) लाया जा रहा है | वही पता लगाने वह अपनी टीम के साथ इसको तलाश करने में लग जाता है |
हनीफ के शरीर में बम लगा हुआ है, जो जांच के बाद इस बात को बताता है, कि हनीश के शरीर में लगे बम के तार 24 लोगों के बम से साथ जुड़े हुए हैं, और आतंकवादी मकसूद , जेहाद और जन्नत के नाम ऐसे कई हनीश से शहर में 25 धमाके करवा कर राज्य में आतंक का राज़ कायम करना चाहता है।
बस इसके बाद क्या होता है, ये तो सभी को पता है, SS दीवान (सनी देओल ) की पूरी टीम इसी काम में जुट जाती है | इस फिल्म में हनीफ आत्मघाती बम क्यों बना इसका जवाब आपको जरुरी मिलेगा | जिसके लिए आपको फिल्म जाना चाहिए | वैसे तो यह फिल्म कोई खास नहीं परन्तु फिर भी इस फिल्म को देखने जाने में कोई बुराई नहीं |