| पोस्ट किया
यूक्रेन की तबाही के लिए क्या अमेरिका जिम्मेदार है इस प्रश्न का जवाब जानने के लिए पूरी बात जानें, यहां पर अमेरिका और रूस दोनों के बारे में सही बातें बताई जा रही हैं। यह दोनों देश किस तरह से पेट्रोल और रिसोर्सेज की लड़ाई लड़ रहे हैं और छोटे-मोटे देशों को मोहरा बनाए हुए हैं। अमेरिका जितना जिम्मेदार है उतना रूस भी यूक्रेन की तबाही के लिए जिम्मेदार है।
यूक्रेन तबाही के लिए केवल केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि रूस भी जिम्मेदार है कैसे जाने-
अमेरिका और रूस दोनों महाशक्ति बनने की होड़ में अपनी चल रही हैं चालें
दोस्तों अमेरिका ने पुतिन को तानाशाह बताया। पर अमेरिका भूल जाता है कि वह एक समय पहले खुद ही तानाशाह के साथ खड़ा रहता था। एक समय था कि अमेरिका अपने स्वार्थ के लिए भारत के खिलाफ भी खड़ा था, वह पाकिस्तान की मदद करता था।
अमेरिका भी कभी अपनी कूटनीति चाल से खुद को बलशाली बनाने के लिए कई ऐसे काम किए जो इतिहास के काले पन्ने में दर्ज है
पिछले दशक में अमेरिका के भी हाथ खून से रंगे हुए हैं, वह भी मानवता के नाम पर कई तरह के हमले उसने किए हैं, अब यही काम रूस भी कर रहा है। पूरी दुनिया के लोग शांति चाहते हैं, ऐसे में अमेरिका और रूस की खेमेबाजी पूरी दुनिया की शांति भंग कर रही है।
यूक्रेन को तबाह करने में अमेरिका का हाथ है जानिए इसका जवाब
अमेरिका और रूस के खिलाफ सीधे-सीधे युद्ध नहीं कर सकता इसलिए उसने यूक्रेन को भड़काया है।
इसके अलावा अगर पीछे के समय में देखें तो सीरिया में बशर अल असद को अमेरिका इसलिए सत्ता से बाहर करना चाहता था कि उसके मुताबिक वहां का शासक काम नहीं कर रहा था। इसलिए उसने सैन्य करवाई कर दी।
महाशक्ति बनने की होड़ में रूस ने किया क्या यूक्रेन पर हमला
दोस्तों यही काम अब रूस कर रहा है क्योंकि यूक्रेन की सत्ता उसके मन मुताबिक काम नहीं कर रही थी इसलिए उसने यूक्रेन पर हमला कर दिया।
तो आप अच्छी तरीके से जानते हैं कि रूस और अमेरिका के बीच में तकरार है इसलिए अमेरिका भी चुपके-चुपके यूक्रेन की मदद कर रहा है, जिससे बौखलाया रूस इस युद्ध को लंबे समय तक खींच रहा है।
रूस और अमेरिका दोनों जिम्मेदार कैसे जाने
तो दोस्तों आपको समझ में आ गया है कि अमेरिका और रूस के चक्कर में जो पड़ता है वह देश बर्बाद हो जाता है। इसलिए दुनिया के सभी देशों को इन दोनों मां शक्तियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। आपको पुरानी बात बता दे कि किस तरह अमेरिका भी भारत के खिलाफ था और आतंकवाद के मसले पर वह कभी कुछ भी बोलता नहीं था। कुछ दशक बाद वह खुद ही आतंकवाद से पीड़ित देश बन गया क्योंकि आतंकवाद को शह देने वाला अमेरिका ही था।
अमेरिका के दिए पैसे से भारत में आतंकवाद फैलाता था। भारत एक शांतिप्रिय देश होने के कारण इस समस्या का हल कूटनीति से निकाला। लेकिन अमेरिका कभी भी पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के खिलाफ दो शब्द भी उस समय नहीं बोले थे।
अमेरिका की दादागिरी ने दुनिया में कई सत्ता परिवर्तन किए
90 के दशक में अमेरिका सद्दाम हुसैन को भी बर्बाद कर दिया था, जब सद्दाम हुसैन उसके खिलाफ हो गए थे। अमेरिका विश्व शक्ति बनना चाहता है। अमेरिका अपनी महत्वाकांक्षा को बढ़ाने के लिए यूक्रेन को युद्ध में झोंक दिया है। इधर रूस भी कुछ कम नहीं है, वह भी चाहता है कि पूरी दुनिया में उसी का ही डंका बजे।
अमेरिका और रूस दोनों धूरियां महाशक्ति बनने के लिए आपस में छद्म युद्ध कर रही है। इसमें यूक्रेन पिस रहा है। यूक्रेन को चोरी-छिपे मदद भी अमेरिका का रहा है, इस कारण से रूस यूक्रेन के खिलाफ है और अमेरिका के इस हरकत पर वह नाराज भी है।
आपको यह विश्लेषण पसंद आया है तो लाइक शेयर जरूर करें धन्यवाद।
0 टिप्पणी