आज Internet ने लोगों को करीब लाने का कार्य किया है वहीँ इससे व्यक्ति की प्राइवेसी भी ख़त्म होती जा रही है | हालाँकि प्राइवेसी पर प्रहार का जिम्मेदार व्यक्ति स्वं होता है क्योंकि वही किसी ऐप या वेबसाइट के साथ अपना डाटा शेयर करता है |
जैसे किसी मोबाइल पेमेंट ऐप पर पेमेंट करते समय हम अपनी क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड की जानकारी प्रदान करते है | मान लीजिये यदि उस वेबसाइट या एप पर किसी वायरस का अटैक हो जाये तो आपकी यह समस्त जानकारी पब्लिक हो जायेगी और किसी गलत हाथों में पड़ गयी तो आपको अपने पैसों से हाथ धोना पड़ सकता है |
हाल ही में वर्चुअल गर्लफ्रेंड नमक वायरस ने कई स्मार्टफोन सोशल मीडिया एप यूजर का प्राइवेट डाटा चुरा लिया था | इसी तरह 2009 में ज़ीउस ट्रोजन वायरस ने भी आतंक मचाया था परन्तु तब विश्व में इतने ज्यादा यूजर ऑनलाइन नहीं थे |
आज यदि किसी वायरस का अटैक होता है तो वह अटैक बहुत व्यापक होता है | भारत में ही देख लीजिये, जिओ इन्टरनेट क्रांति आने के बाद गाँव गाँव में इन्टरनेट यूजर हैं जिन्हें शयद प्राइवेसी या प्राइवेट डाटा चोरी और वायरस के बारे में पता भी न होगा | इसलिए आज के युग में वायरस का प्रभाव बहुत व्यापक होगा |
Loading image...