Optician | पोस्ट किया |
Engineer,IBM | पोस्ट किया
आज Internet ने लोगों को करीब लाने का कार्य किया है वहीँ इससे व्यक्ति की प्राइवेसी भी ख़त्म होती जा रही है | हालाँकि प्राइवेसी पर प्रहार का जिम्मेदार व्यक्ति स्वं होता है क्योंकि वही किसी ऐप या वेबसाइट के साथ अपना डाटा शेयर करता है |
जैसे किसी मोबाइल पेमेंट ऐप पर पेमेंट करते समय हम अपनी क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड की जानकारी प्रदान करते है | मान लीजिये यदि उस वेबसाइट या एप पर किसी वायरस का अटैक हो जाये तो आपकी यह समस्त जानकारी पब्लिक हो जायेगी और किसी गलत हाथों में पड़ गयी तो आपको अपने पैसों से हाथ धोना पड़ सकता है |
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