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नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार CM: गांधी मै...

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| Posted on November 20, 2025

नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार CM: गांधी मैदान शपथ, 202 सीटें

Blog Title: नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री

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बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का नाम एक युग का प्रतीक बन चुका है। 20 नवंबर 2025 को जब पूरा बिहार पटना के गांधी मैदान की ओर देख रहा था, तो इतिहास एक ऐसा क्षण दोहरा रहा था जहाँ एक नेता 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहा था।

हाल ही में संपन्न बिहार चुनाव 2025 ने न केवल एनडीए को 202 सीटों का अभूतपूर्व बहुमत दिया, बल्कि नीतीश कुमार के उस राजनीतिक कौशल को भी मान्यता दी जिसे कुछ लोग 'पलटीमार राजनीति' तो कुछ 'व्यावहारिक फैसले' कहते हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में विपक्षी महागठबंधन को सिर्फ़ 35 सीटों तक सीमित कर देना कोई छोटी बात नहीं है।

लेकिन ये सिर्फ़ संख्याओं की कहानी नहीं है। ये कहानी है एक ऐसे नेता की जो 74 साल की उम्र में भी बिहार की राजनीति के केंद्र में हैं, जिनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) भले ही 85 सीटें जीतने में सफल रही हो, लेकिन उनकी लीडरशिप ने पूरे गठबंधन को एकजुट करके ऐतिहासिक सफलता दिलाई।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि नीतीश कुमार ने कुल कितनी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, उनका पूरा नाम, शिक्षा और राजनीतिक यात्रा कैसी रही? साथ ही, हम विस्तार से समझेंगे कि बिहार मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण 2025 क्यों खास था और इस जीत का बिहार के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा। तो आइए, इस राजनीतिक इतिहास के पन्नों को पलटें और समझें कि नीतीश कुमार कैसे बने बिहार के अपराजेय 'सुशासन बाबू'।

जब हम नीतीश कुमार का नाम सुनते हैं, तो ज़हन में सबसे पहले एक सादगी भरे नेता की तस्वीर उभरती है। लेकिन इस सादगी के पीछे एक धुरंधर राजनीतिक रणनीतिकार छिपा है, जो बिहार की सत्ता में लगातार दो दशकों से बना हुआ है।


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पूरा नाम और व्यक्तिगत जानकारी

नीतीश कुमार का पूरा नाम है नीतीश कुमार (कोई मध्य नाम नहीं)। वह 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर, पटना में एक कायस्थ परिवार में पैदा हुए। 2025 तक उनकी उम्र 74 वर्ष हो चुकी है, लेकिन राजनीतिक सक्रियता में वो आज भी युवा नेताओं को टक्कर देते हैं।

शिक्षा और पेशेवर पृष्ठभूमि

कई लोग नहीं जानते कि नीतीश कुमार इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने पटना के बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। 1970 के दशक में वो बिहर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पद पर भी कार्यरत रहे, लेकिन राजनीति का बुलावा इतना मजबूत था कि उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर जेपी आंदोलन में कूद पड़े।

राजनीतिक पार्टी और सफर

नीतीश कुमार किस पार्टी से संबंधित हैं? वह जनता दल (यूनाइटेड) के संस्थापक सदस्य और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। लेकिन उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 1977 में संजय गांधी के विरोध में हुए आंदोलन से हुई थी।

  • 1977: जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े (हारे)
  • 1985: पहली बार विधानसभा पहुंचे (हरनौट से)
  • 1989: पहली बार लोकसभा पहुंचे (बरौन से)
  • 1990: राज्य सरकार में मंत्री बने
  • 1994: समता पार्टी के संस्थापक सदस्य
  • 2003: जदयू का गठन

मुख्यमंत्री बनने का सफर

नीतीश कुमार पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री कब बने? 3 मार्च 2000 को वह पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन ये कार्यकाल सिर्फ़ 7 दिन का था। असली शुरुआत हुई 24 नवंबर 2005 को, जब उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।
नीतीश कुमार कितनी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने? 2025 तक वह कुल 10 बार इस पद पर आसीन होंगे। इसका मतलब है कि उन्होंने 20 साल में 9 बार शपथ ली (एक कार्यकाल 2014-15 में राष्ट्रीय स्तर पर मंत्री रहने के कारण टूटा)। उनका औसत कार्यकाल लगभग 2-3 वर्ष का रहा है, लेकिन कुल मिलाकर वह लगातार 18+ वर्षों से सत्ता में हैं।

उम्र और ऊर्जा का अनोखा संतुलन

नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री की उम्र 74 वर्ष होने के बावजूद वह रोज़ाना 12-14 घंटे काम करते हैं। उनके समर्थक कहते हैं कि उनकी ऊर्जा 40 साल के युवा से भी ज्यादा है। यही कारण है कि बिहार के वोटर उन्हें 'सुशासन बाबू' के नाम से पुकारते हैं और भरोसा करते हैं।

अगले सेक्शन में हम जानेंगे कि बिहार चुनाव 2025 में आखिर क्या हुआ था जिसने एनडीए को 202 सीटें दिला दीं और विपक्ष को सिर्फ़ 35 पर समेट दिया।


बिहार चुनाव 2025 - जब एनडीए ने रचा इतिहास

बिहार चुनाव 2025 परिणाम ने न केवल राजनीतिक पंडितों को चौंकाया, बल्कि विपक्ष को ऐसी धूल चटाई कि उनके नेता तक सकते में आ गए। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए को 202 सीटें मिलना कोई आम बात नहीं है। यह 2010 के बाद सबसे बड़ी जीत थी, जब एनडीए ने 206 सीटें जीती थीं।

पार्टीवार जीत का आंकड़ा

एनडीए का प्रदर्शन:

  • भाजपा: 89 सीटें (पिछली बार से 12 सीटें ज्यादा)
  • जदयू: 85 सीटें (नीतीश कुमार की पार्टी ने अपना गढ़ बचाए रखा)
  • लोजपा (राम विलास): 19 सीटें (छोटी पार्टी का बड़ा प्रभाव)
  • हम: 5 सीटें
  • रालोमो: 4 सीटें

कुल मिलाकर: 202 सीटें और 46.5% वोट शेयर।

विपक्ष का धराशायी होना

महागठबंधन की हालत तो बदतर हो गई:

  • राजद: 25 सीटें (पिछली बार के 75 से धड़ाम)
  • कांग्रेस: 6 सीटें (और भी खराब प्रदर्शन)
  • वामदल: 4 सीटें
  • कुल: महज 35 सीटें और 37.6% वोट शेयर

जीत के मुख्य कारण

  1. मोदी का जादू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 रैलियों ने वोटरों को अपनी ओर खींचा। उनकी 'गारंटी कार्ड' योजना ने महिलाओं और युवाओं का दिल जीता।
  2. नीतीश का सुशासन: बिहार में कानून-व्यवस्था, सड़क, पानी और बिजली की स्थिति में सुधार वोटरों को याद था।
  3. महिला वोट: एनडीए को 202 सीटें दिलाने में महिलाओं का 60% से ज्यादा वोट शेयर अहम रहा।
  4. ओवरकॉन्फिडेंट विपक्ष: तेजस्वी यादव और कांग्रेस की गठबंधन में खींचतान ने वोटरों को दूर किया।

अगले सेक्शन में हम जानेंगे कि गांधी मैदान शपथ समारोह कैसा रहा और कौन-कौन शामिल हुआ।


गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह

बिहार मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण 2025 को लेकर पटना में उत्साह का माहौल था। गांधी मैदान, जहाँ 1974 में जेपी आंदोलन की चिंगारी फूटी थी, वहीं अब नीतीश कुमार का 10वां शपथ समारोह होना था।

कार्यक्रम की रूपरेखा

  • तारीख: 20 नवंबर 2025
  • समय: सुबह 11:00 बजे (शुभ मुहूर्त)
  • स्थान: गांधी मैदान, पटना

मुख्य अतिथियों की सूची

समारोह में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (मुख्य आकर्षण)
  • अमित शाह (गृह मंत्री)
  • जेपी नड्डा (भाजपा अध्यक्ष)
  • चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश के सीएम)
  • अन्य राज्यों के सीएम: योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, हिमंत बिस्वा सरमा आदि।

समारोह का माहौल

गांधी मैदान को भगवा और हरे रंग की लाइटिंग से सजाया गया था। 5 लेयर की सिक्योरिटी ने पूरे इलाके को सील कर दिया था। हर तरफ़ "जीत का जश्न" और "नीतीश-मोदी जिंदाबाद" के नारे गूंज रहे थे।

आगे जानेंगे कि नए मंत्रिमंडल में कौन-कौन बना मंत्री।


नए मंत्रिमंडल - कौन-कौन बना मंत्री?

नीतीश कुमार के साथ लगभग 18-20 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें पुराने चेहरों से ज्यादा नए चेहरों को तरजीह दी गई।

मंत्रिमंडल की संरचना

  • भाजपा: 14 मंत्री (डिप्टी सीएम सहित)
  • जदयू: 8 मंत्री
  • लोजपा: 2 मंत्री
  • हम: 1 मंत्री
  • रालोमो: 1 मंत्री

उप मुख्यमंत्री

भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज:

  • सम्राट चौधरी (पिछड़ा वर्ग चेहरा)
  • विजय कुमार सिन्हा (भूमिहार नेता)

दोनों पिछली सरकार में भी इस पद पर थे, जिससे नीतीश ने संदेश दिया कि स्थिरता महत्वपूर्ण है।

प्रमुख मंत्री

भाजपा से:

  • मंगल पांडेय (पिछली सरकार में भी मंत्री)
  • नितिन नवीन (पहले भी मंत्री)
  • श्रेयसी सिंह (महिला चेहरा, निशानेबाजी से सियासत में आईं)
  • रमा निषाद (एनडीए की महिला वोटरों पर पकड़)

जदयू से:

  • विजय कुमार चौधरी (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष)
  • श्रवण कुमार (नीतीश के करीबी)
  • लेशी सिंह (महिला मंत्री)

नया vs पुराना

सिर्फ 3 मंत्री (मंगल पांडेय, नितिन नवीन, सुरेंद्र मेहता) ही पिछली कैबिनेट से बचे। बाकी सभी नए चेहरे हैं, जिससे नीतीश ने संदेश दिया कि अब "परफॉर्मेंस" मायने रखेगी।

मंत्रिमंडल का पूर्ण विस्तार मकर संक्रांति (14 जनवरी 2026) के बाद होगा।

अगले सेक्शन में देखेंगे नीतीश के 10 बार शपथ लेने का पूरा सफर।


नीतीश कुमार का 'पलटीमार' राजनीतिक सफर

नीतीश कुमार ने कितनी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है? ये सवाल हर बिहारी के ज़हन में है। आइए देखें उनका पूरा सफर:

शपथ ग्रहण की पूरी टाइमलाइन

  1. मार्च 2000: पहली शपथ (7 दिन का कार्यकाल)
  2. नवंबर 2005: दूसरी शपथ (पहली पूर्ण कार्यकाल की शुरुआत)
  3. नवंबर 2010: तीसरी शपथ (एनडीए की बड़ी जीत)
  4. फरवरी 2015: चौथी शपथ (जदयू अकेले)
  5. नवंबर 2015: पांचवीं शपथ (महागठबंधन के साथ)
  6. जुलाई 2017: छठी शपथ (फिर भाजपा से गठबंधन)
  7. नवंबर 2020: सातवीं शपथ (कोविड चुनाव)
  8. अगस्त 2022: आठवीं शपथ (फिर महागठबंधन)
  9. जनवरी 2024: नौवीं शपथ (एनडीए में वापसी)
  10. नवंबर 2025:दसवीं शपथ (रिकॉर्ड)

गठबंधनों की कहानी

नीतीश का सफर "राजनीतिक उलटफेर" का सबसे बड़ा उदाहरण है:

  • 2005-2014: भाजपा के साथ लंबा गठबंधन (सुशासन का दौर)
  • 2015: लालू+कांग्रेस के साथ "महागठबंधन" (भाजपा को छोड़ा)
  • 2017: रातोंरात भाजपा से हाथ मिलाया (लालू छोड़े)
  • 2022: फिर लालू के पास गए (भाजपा छोड़ी)
  • 2024: स्थायी रूप से एनडीए में वापसी

कार्यकाल का विश्लेषण

नीतीश कुमार का कार्यकाल औसतन 2-3 साल का रहा, लेकिन कुल मिलाकर उन्होंने 18+ साल बिहार पर राज किया। उनके समर्थक कहते हैं कि वो "बिहार के हित में" हर फैसला लेते हैं, चाहे उसे कोई भी नाम दो।

अगले और अंतिम सेक्शन में समझेंगे कि इस जीत का बिहार के भविष्य पर क्या मतलब है।


बिहार के लिए क्या मतलब रखती है यह जीत?

बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार का यह 10वां कार्यकाल राज्य के भविष्य के लिए कई संदेश लेकर आया है।

विकास एजेंडा जारी रहेगा

एनडीए की जीत का मतलब है:

  • पीएम मोदी की योजनाएं: PM Awas, Ujjwala, Ayushman योजना जारी रहेंगी
  • नीतीश का सुशासन: कानून-व्यवस्था, सड़क और पानी पर फोकस
  • रोज़गार: बिहार में नए उद्योग और IT पार्क की योजना

राष्ट्रीय राजनीति में बिहार

2026 के राज्यसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव में बिहार भाजपा-जदयू के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर एनडीए का कब्जा पहले से ही है।

चुनौतियां भी कम नहीं

नीतीश कुमार के सामने अब चुनौतियां हैं:

  • युवाओं का पलायन रोकना
  • बेरोजगारी दर कम करना (वर्तमान में 12%)
  • आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाना

जनता का भरोसा

3 लाख लोग गांधी मैदान में आए, इसका मतलब साफ है - बिहार की जनता को नीतीश पर भरोसा है। उनका ये 10वां कार्यकाल अब "स्थायी सुशासन" का प्रतीक बनना चाहिए।


निष्कर्ष

नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रच चुके हैं। बिहार चुनाव 2025 ने साबित किया कि बिहार की जनता को स्थिरता और विकास चाहिए, न कि राजनीतिक प्रयोग।

गांधी मैदान शपथ समारोह एक नए अध्याय की शुरुआत थी, जहाँ नीतीश ने पीएम मोदी से कहा, "अब मैं इधर-उधर नहीं जाऊंगा"। ये बात अगर सच साबित होती है, तो बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाना नीतीश का सबसे बड़ा कार्य होगा।

बिहार का भविष्य अब एनडीए के 202 सीटों और नीतीश के अनुभव पर टिका है। देखना ये है कि वो इस भरोसे पर खरे उतरते हैं या नहीं।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1: नीतीश कुमार ने कुल कितनी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है?
20 नवंबर 2025 को नीतीश कुमार ने कुल 10 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसमें सबसे पहला कार्यकाल मार्च 2000 का सिर्फ़ 7 दिन का था, लेकिन लगातार 18+ वर्षों से वो सत्ता में बने हुए हैं।

2: बिहार चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन को कितनी सीटें मिलीं?
एनडीए को 202 सीटें (भाजपा: 89, जदयू: 85, लोजपा: 19, अन्य: 9) मिलीं, जबकि विपक्षी महागठबंधन को सिर्फ़ 35 सीटें (राजद: 25, कांग्रेस: 6, वामदल: 4) मिलीं। ये बिहार की राजनीति में एनडीए की सबसे बड़ी जीत में से एक है।

3: गांधी मैदान शपथ समारोह में कौन-कौन शामिल हुआ?
पटना के गांधी मैदान में हुए शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत 3 लाख से ज्यादा समर्थक मौजूद थे।

4: नीतीश कुमार किस पार्टी से हैं और उनकी शिक्षा क्या है?
नीतीश कुमार जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने पटना के बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। उन्होंने बिहार सरकार में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की नौकरी भी की थी, लेकिन जेपी आंदोलन में कूदकर राजनीति में आ गए।

5: नया मंत्रिमंडल कब तक पूरा होगा और कितने मंत्री होंगे?
नीतीश कुमार के साथ शपथ लेने वाले 18-20 मंत्रियों में भाजपा के 14, जदयू के 8 और सहयोगी दलों के 4 मंत्री शामिल हैं। पूर्ण मंत्रिमंडल विस्तार 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के बाद होगा, जबक 30-35 मंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है।

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