राष्ट्रीय आय के चक्रीय प्रभाव से आशय - (1) उपभोग के पूर्व धन की वृद्धि के रूप में!
(2) उपभोग में वृद्धि तथा विनियोग में वृद्धि के रूप में!
(3) धन के स्टॉक में कोई कमी किए बिना उपभोग की मात्रा में हुई अधिकतम वृद्धि के रूप में!
प्रत्येक अर्थव्यवस्था में तीन प्रवाह एक साथ क्रियाशील करते हैं -आय,उत्पादन तथा व्यय आय का वितरण किसी भी प्रकार से किया जाए कुल आय तथा कुल उत्पादन मे Loading image...समानता रहती है !