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तसमो मा ज्योतिर्गमय का अर्थ यह होता है कि मुझे अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर चलना चाहिए और मुझे असत्य को छोड़कर सत्य की राय पर चलना चाहिए और अंधेरे को छोड़कर उजाले की ओर चलना चाहिए बुराइयों को त्याग कर अच्छाई की ओर चलना चाहिए और हमने अज्ञात से ज्ञात की ओर चलना चाहिए और जिस प्रकार सूर्य की किरणें अपना उजाला फैलाकर हमारे जीवन में प्रकाश भरता है उसी प्रकार हमें अंधकार को छोड़कर प्रकाश की ओर चलना चाहिए.।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
तम्सो मा ज्योतिगर्मया का यह मतलब होता है कि हमें असत्य को छोड़कर सत्य की ओर अपना कदम बढ़ाना चाहिए ! इस श्लोक से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि असत्य से सत्य बड़ा होता है!यह हमारे जीवन में अंधकार को हटाकर उजाला लाता है ! हमें अपने सत्य को कभी नही छोड़ना चाहिए! इसी सत्यय से हमारे जीवन का उद्धार होगा ! हमेंं अपने जीवन की सभी बुरी आदतों और बुराइयों को छोड़़ देना चाहिए ! जिससे हमारा जीवन खुशहाल बना रहे !
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तम्सो मा ज्योतिगर्मया इस श्लोक का अर्थ यह होता है कि असत्य की राह को छोड़कर सत्य के मार्ग की ओर चलकर अपने जीवन के अंधरो को दूर करके उजाले की ओर अग्रसित होना।अपने जीवन की सभी बुराइयों को जड़ से खत्म करके असत्य के मार्ग को छोड़कर सत्य के मार्ग को अपनाना चाहिए। यह पर इस श्लोक से कहने का तात्पर्य है कि जिस तरह से सूर्य की किरणों से सुबह उजाला होता है उसी प्रकार से मनुष्य के जीवन मे भी अंधकार रूपी अंधेरे को दूर करके प्रकाश रूपी उजाले को अपने जीवन मे लाये।
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तमसो मा ज्योतिर्गमय का अर्थ यह होता है कि हमें असत्य की राह को छोड़कर सत्य की राह में चलना चाहिए और जीवन के अंधेरे को छोड़कर उजाले की ओर चलना चाहिए बुराइयों को त्याग कर अच्छाई की ओर चलना चाहिए। हमेंअसत्य कि राह को छोड़कर सत्य की राह में इसलिए चलना चाहिए क्योंकि सत्य की राह में चलने से हमारे जीवन में किसी प्रकार के दुख नहीं आते हैं। जिस प्रकार सूर्य की किरणें अपना उजाला फैलाकर हमारे जीवन में प्रकाश भरता है उसी प्रकार हमें सभी के जीवन में प्रकाश भरना है। हमें किसी की बुराई नहीं करना चाहिए और हमेशा सच्चाई का साथ देना चाहिए।
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