अक्सर बीजेपी सरकार कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं वह जल्दी किसी भी अपने नेता का इस्तीफा स्वीकार नहीं करती है और ना ही उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहती है. मगर अब ऐसा हो गया है.हिमाचल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष ने चिकित्सा आपूर्ति की खरीद में भ्रष्टाचार की जांच के बीच अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दिया है. हैरानी वाली बात यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया है ऐसा लगता है जैसे उन्होंने भी यह बात मान ली है कि वह कहीं ना कहीं घोटाले में लिप्त है.
एकदम से राज्य के स्वास्थ्य निदेशक का ऑडियो क्लिप जारी होना उसके बाद बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल का इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष को सोपना यह बात हर किसी को हैरान कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष राजीव बिंदल इस मामले में संदिग्ध पाए जा रहे हैं क्योंकि उनके करीबी उनकी बेटी और दामाद मामले में फंसते नजर आ रहे हैं और जाहिर सी बात है कहीं ना कहीं यह सारा खेल बिंदल को मामले में संदिग्ध बनाने की प्रतिक्रिया को तेज करती हैं.
हिमाचल प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल ने अपने त्याग पत्र में कहा कि वह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भ्रष्टाचार के कथित मामले में समुचित जांच हो. कोरोना वायरस महामारी के लिए सरकार द्वारा चिकित्सा आपूर्ति की खरीद में भ्रष्टाचार की जांच के बीच उन्होंने इस्तीफा दिया है. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को भेजे त्यागपत्र में बिंदल ने कहा है कि वह नैतिक आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि कुछ लोग राज्य के स्वास्थ्य निदेशक द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार में पार्टी का नाम घसीट रहे हैं.
इस तरह राजीव बिंदल का इस्तीफा देना अपने आप में बहुत सवाल खड़े करता है. राजीव बिंदल पहले 2007 से 2012 की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद पर आसीन थे ऐसे में स्वाभाविक सी बात है की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी अच्छी जान पहचान होगी. और अब इस मामले में स्वास्थ्य निदेशक घसीटे गए है. स्वास्थ्य निदेशक को विजिलेंस और एंटी करप्शन ने गिरफ्तार करके जांच शुरू कर दी है.