Fitness trainer,Fitness Academy | पोस्ट किया |
वैसे तो हमेशा ही बॉलीवुड ने सिर्फ मुख्य किरदारों को सराहा है लेकिन अमरीश पूरी उन विलेन में से एक है जिन्होनें विलेन होने कि परिभाषा को बदला और एक अलग पहचान बनाई | अमरीश पुरी जब कभी पर्दे पर विलेन बनकर आते थे तो दर्शकों के दिलों की धड़कनें ठहर जाती थीं। उनकी बुलंद आवाज, आंखों से झलकती नफरत और उनकी दमदार अदाकारी के आगे बड़े-बड़े सुपरस्टार भी फीके पड़ जाते थे। अमरीश पुरी अपने दमदार अदाकारी से किरदार में इस तरह घुल जाते कि कई बार वह फिल्म के हीरो पर भी भारी पड़ते दिखते थे। इसलिए आज हम आपको उनके सबसे अच्छे फेमस डायलाग के बारें में बताएँगे |
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अमरीश पुरी के सबसे फेमस डायलाग -
एक बार गलती होती, दूसरी बार गलती होती है,
लेकिन तीसरी बाद इरादा होता है गलती करने का।
टिप बाद में देना एक रिवाज होती है,
और अच्छी सर्विस देने की गारंटी होती है।
मै तो जानता हूँ कि दुनिया में मुझसे बड़ा कमीना और कोई नहीं हो सकता है,लेकिन तुमने मौके पर अपना कमीनापन रूप दिखाया कि तुम्हारे कमीनेपन के गुलाम हो गये।
दुनिया की नजरो में जो व्यक्ति एक बार मर जाते है वो दोबारा कभी लौटकर नहीं आते है वरना जिंदगी मे बहुत सी परेशानियाँ हो सकती है।
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फिल्म अभिनेता अमरीश पुरी के बारे में कौन नहीं जानता है उन्होंने कई फिल्मों में विलन का काम किया है तथा हमें उनके द्वारा बनाई गई फिल्म बहुत ही पसंद आती थी यहां पर हम आपको अमरीश पुरी के कुछ डायलॉग के बारे में बताएंगे।
मोकैंबो खुश रहो,
आओ कभी हवेली पर,
जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी,
कोई भी जूता इतना महान नहीं होता है, की जिसके सामने सर झुकाया जाए।
थप्पड़ तुम्हारे मुंह पर पड़ा है, और निशान मेरे गाल पर छप्पे हैं।
ऊपर वाला गलत हो सकता है, मगर दांग कभी गलत नहीं होता।
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