दुनियाँ में हर रिश्ते का मोल, बस एक माँ जो तू सबसे अनमोल, माँ तो बस माँ है, उसके जैसा न कोई और, बच्चे की नज़र जहाँ तक जाए, माँ का साया चारो और, दुनियाँ का हर रिश्ता हमे मिला माँ से, पर माँ का तो हर एक Read More
कहते है चिंता चिता समान होती हैं । चिंता हो या चिता हिंदी वर्णमाला के हिसाब से बस एक मात्रा ही किसी भी शब्द का अर्थ बदल देती हैं या फिर कह सकते हैं कि एक मात्रा किसी अर्थ का अनर्थ बना देती हैं । कैसा Read More