मोहनदास गांधी ने सन 1887 में मैट्रिक परीक्षा पास की। घर के लोगों की इच्छा थी कि वे कॉलेज में पढ़े। कॉलेज की पढ़ाई के लिए उन्हें भावनगर भेजा गया। परंतु मोहनदास वहां एक ही साल पढ़ सके। उसके बाद घर वापस आए।
गांधी परिवार के पुराने मित्र और सलाहकार मावजी देव ने एक बार मोहन की पढ़ाई के बारे में माता पुतलीबाई से पूछ-ताछ की सब बातें जानने के बाद उन्होंने यह सलाह दीः--
मेरी राय है कि मोहनद
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