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Sks Jain

| Posted on May 12, 2021

समाज और शिक्षा

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Sks Jain

| Updated on July 23, 2021

वेद वाणी

वेद  वाणी

वेद वाणी रथ चक्र के समान धन की स्थिति चलायमान है, ये धन एक से दूसरे, तीसरे के पास आता जाता रहता है! (पृणीयादिन्नाधमानाय तव्यान्द्राघीयांसमनु पश्येत पन्थाम्! ओ हि वर्तन्ते रथ्येव चक्रान्यमन्यमुप तिष्ठतRead More