हेलो रिंकी जी ,बहुत सुंदर सवाल है ,क्योकि शादी सीजन का मतलब होता ढेर साडी शॉपिंग और फिर उस पर बात जूलरी की हो तो बात ही क्या ,और आपने "टेंपल जूलरी" की बात की जो अपने आप में ही शानदार है |
शादी ,शॉपिंग,कपड़े और सबसे महत्वपूर्ण जूलरी | जैसा की हम सभी जानते है ,जूलरी कपड़े के हिसाब से ही पहनी जाती है ,पर गोल्ड जूलरी की बात जहाँ आती है ,वहाँ तो क्या ही कहना ,गोल्ड अपने आप में ही एक नाम है,एक ऐसीचमक है,जो अपने नाम से ही रोशन होती है | तभी तो पुरानी चीजों को अक्सर "ओल्ड इज गोल्ड "से सम्बोधित किया जाता है ,क्योकि गोल्ड तो बस गोल्ड ही होता है | वैसे वर्तमान समय में मार्किट में कई और ऐसे जूलरी डिजाइन आ गए है ,जो गोल्ड से भी ज्यादा लोगो को पसंद आ रहे है |
शादी सीजन में कपड़ो का जितना क्रेज़ रहता है उतना ही जूलरी का भी होता है | हर कपड़े के साथ अलग मैचिंग जूलरी होना ही चाहिए | "टेंपल जूलरी" जो सोने की तरह महंगी नहीं पर दिखने में सोने जैसी खूबसूरत है। जिसे की नाम से ही जाहिर है कि ये देवी-देवताओं से जुड़ी हुई जूलरी है। इसमें गणेश जी,लक्ष्मी जी ,टेंपल काॅइन और मंदिर के डिजाइन बने होते हैं। इसकी खास बात यह है कि टेंपल जूलरी पहनने में जितना ट्रेडिशनल लुक देती है, दिखने में उतनी ही स्टाइलिश लगती है।
गोल्ड पर ये भरी पड़ेगी या नहीं ये तो समय ही बताएगा ,बेशक टेंपल जूलरी के डिजाइन गोल्ड से बेहतर व सुन्दर हो पर गोल्ड तो गोल्ड है | दोनों का अपना अपना एक विशष स्थान है | मुझे तो दोनों ही बहुत पसंद है |