योगी आदित्यनाथ द्वारा निडर होकर फैसला करना हर किसी के लिए चौंकाने वाली बात बन जाती है हर कोई इस बात को जानना चाहता है आखिर योगी आदित्यनाथ कैसे फैसला इतनी जल्दी ले लेते हैं वह अलग बात है कि कई बार किसी मामले में सच्चाई नहीं होती और वह कार्रवाई का आदेश दे देते हैं जिससे कोई मासूम भी फंस जाता है. बिना जांचे परखे कार्रवाई का आदेश दे देना समाज के हित के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकता है पर लोगों को बहुत मजा आता है जब योगी आदित्यनाथ सख्त कार्रवाई का आदेश दे देते हैं पर यह नहीं पता जिस दिन कोई आप और हम जैसा इंसान फसे गा तब आप और हम क्या करेंगे जब हमारा कसूर नहीं रहेगा तब भी हम पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दे दिया जाएगा तब आप और हम क्या करेंगे इस बात को कोई नहीं सोचता.
योगी आदित्यनाथ के एकदम से कार्रवाई का आदेश देने का कई कारण हो सकते हैं केंद्र में बीजेपी की सरकार है जो कि 350 सीटों के साथ संसद में पहुंची हुई है और अपने मनमानी फैसलों को लेकर बीजेपी सरकार भी जानी जाती हैं इस वक्त केंद्र में बीजेपी एक मजबूत सरकार है और अपने अड़ियल रवैया के लिए जानी जाती है.
उसके बाद नंबर आता है यूपी का यूपी में भी बीजेपी ने संसदीय सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूत की और विधानसभा सीटों पर भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया.पूर्ण बहुमत की सरकार आने के बाद बीजेपी को ऐसा लगता है जैसे वह गदगद हो चुकी है कोई भी फैसला अपने मन से कभी भी ले ले कोई नहीं जानता.
योगी आदित्यनाथ के की बात की जाए तो आरंभ से ही तीखे बोल बोले जाने के लिए जाने जाते हैं एक साधु सन्यासी द्वारा इस तरह का सवभाव बिल्कुल भी शोभा नहीं देता. क्योंकि एक सन्यास तो बहुत नरम दिल का और प्यार भरे बोल बोलने के लिए जाना जाता है.
अभी हाल ही में जमाति्यों को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के संदेश दिए थे. जमाती के ऊपर रासुका लगाने का आदेश दिया था मगर जब बाद में सच्चाई पता चली कि किसी भी जमाती ने ऐसी कोई हरकत नहीं की जिससे नर्सों को काम में दिक्कत हो रही थी और ना ही जमाती नंगे घूम रहे थे यह बात पुलिस ने बाद में अपने बयान में कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. यह अफवाह फैलाई जा रही है.मगर योगी आदित्यनाथ ने बिना तथ्यों को जाने पहचाने जमाती ऊपर राष्ट्र सुरक्षा कानून एक्ट लगाने की बात कह देते हैं वह ठीक है कि कार्रवाई होनी चाहिए कम से कम वह इंसान जिसने गलत किया है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. बल्कि बिना जाने उसने ऐसा काम किया है या नहीं किया है इस बात को योगी आदित्यनाथ बिल्कुल भी नहीं जानना चाहते.सिर्फ कार्रवाई का आदेश दे देते हैं
ऐसा सिर्फ तानाशाही राज में ही होता है.जहां पर बिना कुछ जाने पहचाने अपनी मनमानी चला दी जाती है ऐसी मनमानी समाज को गलत दिशा की लेकर जाती है ऐसे समाज में अपराधी दिमाग के लोग बन जाते हैं और वह कुछ भी कर जाने को तैयार हो जाते हैं अभी तो सब लोगों को बहुत मजा आता है योगी आदित्यनाथ द्वारा तीखे बोल और सख्त कानूनी कार्रवाई का आदेश देने पर मगर जिस दिन कोई खुद निर्दोष फंसेगा उस दिन सब लोगों को अच्छी तरीके से पता चल जाएगा वह हमें से कोई भी हो सकता है. सरकार हमसे हैं ना कि हम सरकार से हैं.
