पुलिस वालों द्वारा लोगों को डंडों से पीटा जाना इस तालाबंदी में बिल्कुल ही आम बात हो चुकी हैं.आए दिन पुलिस वालों द्वारा पीटे जाने के नए-नए वीडियो सामने आते हैं. इसमें पुलिस वाले अपनी पूरी ताकत झोंक कर मजदूरों को डंडे मारते हुए दिखाई देते हैं ताजा मामला यूपी के नोएडा का है नोएडा के सेक्टर 19 में राशन की दुकान के बाहर महिलाओं की लंबी लाइन लगी है.तभी वहां दरोगा सौरभ कुमार अपनी टीम के साथ निगरानी करने आता है.सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना होते देख वह कुछ महिलाओं को डंडा मार रहा होता हैं. इस घटना का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया.
अगर इस घटना की वीडियो को सोशल मीडिया में नहीं डाला जाता तो इंस्पेक्टर सौरव कुमार की घटिया छवि कभी उजागर नहीं होती.यह तो चलो अच्छा हुआ कि सोशल मीडिया में यह विडीयों वायरल हुई और इस पुलिस वाले की करतूतों का पर्दाफाश हुआ.अगर यह पुलिस वाला डिपार्टमेंट में रहता तो डिपार्टमेंट के लिए काल बना रहता. ऐसी मानसिकता वाला इंस्पेक्टर फिर से कोई नई घटना को अंजाम दे देता. वैसे भी नोएडा पुलिस पहले से बदनाम तो है ही और ज्यादा बदनामी झेलनी पड़ती.
सवाल यह उठता है कि इन पुलिसवालों को इतनी छूट दी जानी किस हद तक जायज है यह पुलिस वाले मारते वक्त यह भी नहीं देखते हैं कि किस जगह चोट लग रही है इनको जो डंडा दिया होता है इसका मतलब यह नहीं कि डंडा मारना ही है. पुरुषों को डंडा मार रहे हैं चलो यह इनकी मानसिकता है कि मारना ही चाहिए मगर महिलाओं को भी डंडा मार रहे हैं क्या इनको पीछे से आर्डर आता है कि आपने वर्दी पहनी है किसी को भी मार सकते हैं या यह खाकी वर्दी पहनकर अपनी औकात भूल जाते हैं ऐसा भी कहा जा सकता है इनको अपने अफसरों से आडर आता है जो मन आपका वैसा करिए. और बाद में जब किसी मामले में इंस्पेक्टर फस जाता है तब यह उस को सस्पेंड करके किनारा कर लेते हैं.
पुलिस वाले द्वारा महिलाओं को डंडों से पीटा जाना यह घटना एक बहुत बड़ी घटना के रूप में देखी जानी चाहिए आखिर यह पुलिस वाले वर्दी पहनकर अपने आप को भगवान क्यों बन रहे हैं. यह पुलिस वाले मीडिया को भी नहीं छोड़ रहे हैं हाथ साफ करने का मौका आता है तो पत्रकारों पर भी हाथ साफ कर लेते हैं सरकार को जल्दी ऐसा कानून लाना चाहिए जिससे इन पुलिस वालों की कुछ शक्तियों को कम किया जाए ताकि वह बिना वजह किसी को परेशान ना करें.
