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IVF आज ना जाने कितने ही नि:संतान दंपत्तियों को औलाद का सुख दे रहा है। यह तकनीक इतनी घरेलू हो चुकी है कि जब भी कोई दंपत्ति नॉर्मल तरीके से गर्भधारण करने या प्रेग्नेंट होने में असफल रहता है तो उनके दिमाग में सबसे पहले IVF तकनीक का नाम ही आता है तथा जो किसी ईश्वर के वरदान से कम नहीं है। यदि आप IVF के जरिए मां-बाप बनने की प्लानिंग कर रहे हैं तो पहले आपको इससे जुड़े पक्ष-विपक्ष दोनों के बारे में जान लेना चाहिए, जो कि इस प्रकार है :-
1. IVF एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें काफी समय लगता है। ऐसा नहीं है कि आज आप IVF कराने गई और अगले दिन आपकी डिलीवरी हो गई। इसमें कई बार आपको क्लीनिक आना होता है और कई बार डॉक्टर से मिलना पड़ता है ताकि IVF सफलतापूर्वक संचालित की जा सके। हम आपको बताना चाहेंगे कि यदि आप IVF कराने के बारे में विचार कर रही हैं तो आपको धैर्य और संयम रखना पड़ेगा, जो IVF की प्राथमिक शर्तों में से एक है।
चलिए अब हम आपको संक्षेप में IVF की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताते हैं ताकि आप IVF के बारे में पूरी तरह से निश्चिंत हो जाए। इसमें सबसे पहले शुरुआती 15 दिन कुछ दवाइयां दी जाती हैं ताकि एग्स बनाए जा सके। जिसके बाद डॉक्टर ब्लड टेस्ट और कुछ अल्ट्रासाउंड वगैराह करते हैं। जब एग्स बन जाते हैं तो डॉक्टर उन एग्स को महिला केअंडाशय में से निकालकर पुरुष के स्पर्म के साथ उन अंडों को एक लैब में फर्टिलाइज करा देते हैं और 5 दिन बाद तैयार भ्रूण को वापस महिला के अंडकोष में रख दिया जाता है। और दो हफ्ते बाद इस बात की जांच की जाती है कि IVF सफलतापूर्वक किया गया कि नहीं।
2. हालांकि जब IVF की प्रक्रिया शुरू की जाती है, तो उससे पहले स्वास्थ्य संबंधी सारे चेकअप कर लिए जाते हैं ताकि जब IVF शुरू किया जाए तो किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना खड़ी हो और आपकी प्रेगनेंसी हेल्दी हो सके लेकिन यदि आप पहले ही अपना मेडिकल टेस्ट करवा लें तो ये ज्यादा बेहतर माना जाता है। इसके अलावा अगर आपको ब्लड प्रेशर और डायबीटीज संबंधी कोई बीमारी है तो पहले इनका इलाज कराये ताकि आपका ब्लड प्रेशर और डायबीटीज आपके कंट्रोल में रहे।
IVF कराने से पहले यह सलाह दी जाती है कि आप पूरी तरह से स्वस्थ और आपका वजन सामान्य होना चाहिए, आपको ऐल्कॉहॉल और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए, जंक फूड से दूरी बनाकर रखें तथा जितना ज़्यादा हो सके, हरी सब्जियों का सेवन करें।
3. जैसे हर मेडिकल ट्रीटमेंट के कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं ठीक उसी तरह IVF के भी कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट्स है मसलन जब आप IVF प्रक्रिया को अपनाते हैं तो आपके शरीर में हार्मोनल और इमोशनल बदलाव होने लगते हैं तथा इसके अलावा आप खुद पर काफी प्रेशर भी महसूस करने लगते हो।
4. IVF में कॉम्प्लिकेशन के साथ-साथ जिन बच्चों का जन्म IVF के ज़रिये होता है, उनमें जन्मजात दोष होने का थोड़ा बहुत रिस्क होता है। आपको बता दें, IVF को सफल बनाने के लिए डॉक्टर्स आमतौर पर महिलाओं के अंडकोष में एक से अधिक भ्रूण को ट्रांसफर कर देते हैं (हालांकि इसके बारे में दंपत्ति से पहले ही पूछ लिया जाता है।), जिससे एक से अधिक या जुड़वां बच्चे होने की भी आशंका बनी रहती है।