Astrologer,Shiv shakti Jyotish Kendra | पोस्ट किया |
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जैसा कि एकादशी हर महीने में दो बार आती है, जिसका विवरण पहले भी किया जा चूका है | फिर भी एक छोटे से रूप में आपको इसके बारें में बताते हैं, एकादशी हर महीने में 2 बार आती है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महीने की 11 वीं तिथि एकादशी कहलाती है, और महीने में सिर्फ 15 तिथि होती है |
आज विजय एकादशी है, जो की साल में एक बार फाल्गुन मास के महीने की कृष्ण पक्ष को आती है | वैसे तो एकादशी हर महीने में 2 बार आती है परन्तु यह एकादशी साल में इसलिए एक बार आती है क्योंकि फाल्गुन के महीने की कृष्णा पक्ष को आती है | जिसका बड़ा ही महत्व होता है | जो लोग इस एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें आज के दिन का बहुत बड़ा फल मिलता है |
आज की एकादशी को विजय एकादशी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम में लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए पूजन और व्रत पुरे विधान के साथ किया था | आज के दिन किसी भी काम की शुरुआत करने के लिए अच्छा दिन माना जाता है | विजय एकादशी के दिन व्रत और पूजन से कई सारी मुश्किलों से छुटकारा मिलता है और जीवन में स्वास्थ से लेकर धन संपत्ति तक की समस्या का निदान होता है |
(Courtesy : Patrika )
आइये जानते है आप किन बातों का ध्यान रख सकते हैं आज के दिन -
- आज की एकादशी में सूर्योदय से पहले उठें और स्नान कर के साफ़,स्वच्छ और हलके रंग के वस्त्र पहनना चाहिए |
- आज के दिन प्याज लहसुन वाला भोजन और मांस तो बिलकुल न बनाएं |
- सुबह और शाम एकादशी की पूजा पाठ में साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही व्रत कथा सुनें.
- इस व्रत को करने वाले लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए इस दिन घर में शांति का माहौल बना हो |
- इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को पूजन के समय एक आसन पर बैठकर "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का 108 बार जाप जरूर करना चाहिए |
(Courtesy : Nedrick News )
कैसे करें पूजन -
- विजय एकादशी के व्रत और पूजन को करने के लिए एक दिन पहले कलश स्थापित करना होता है | जिसके लिए आप एक साफ़ लोटे में जल भरकर उसमें 7 या 11 आम की पत्ती लगाकर उसके ऊपर नारियल रख कर कलश की स्थापना करें |
- कलश की स्थापना करने के बाद उसको भगवान विष्णु की फोटो के सामने रख दें और भगवान विष्णु को पीले रंग का वस्त्र चढ़ा दें |
- अब एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और रोली(लाल सिंदूर ) मौली(रक्षा सूत्र ) माला, चंदन, सुपारी इन सब सामान को इकठ्ठा करें और इनसे आप पूजन करेंगे |
- सबसे पहले आप कलश रखने वाली धरती का पूजन करें फिर कलश का पूजन करें, सभी प्रकार की सामग्री को कलश में चढ़ाएं , फिर विष्णु भगवान का पूजन करें और उनकी कथा पढ़ें |
- कथा पूरी होने पर भगवान विष्णु की आरती करें और पूजा सम्प्पन करें |
- शाम के समय फिर एक बार विधिपूर्वक कलश की पूजा करें और जब पूजा हो जाए तो उसके बाद उस कलश को किसी मंदिर में रख दें |
- इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए, और इस दिन अगर आप ब्राह्मण को भोजन करवाएं तो यह बहुत ही शुभ होता है |
उसके बाद आप भोजन करें , इस तरह आप इस व्रत को पूरा करें आपको लाभ मिलेगा |
(Courtesy : Thenews24 )