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क्या है नारी-मानव के मादा स्वरूप को नारी कहते है। जो स्त्रीलिंग है। नारी अपने आप मे सम्पुर्ण समाज है। कहा जाता है कि -
"यत्र नार्यस्तु पूज्यते , रमन्ते तत्र देवता "
वेदो और पुरणो के अनुसार जहा नारी की पूजा की जाती है उसका सम्मान होता है वहा देवता निवास करते हैं। और जहाँ नारी का सम्मान नही होता वहा देवता भी निवास नही करते।
लेकिन आज यह कहावत केवल किताबो तक ही सीमित हो गई है आज कोई भी व्यक्ति इसे नही मानता जिस तरह हर जगह नारी का अपमान हो रहा है। आज नारी को केवल भोग विलास की वास्तु समझा जाने लगा है।
शिक्षा और तकनीकी के कारण नारी की स्थिती मे सुधार आया है । आज की नारी किसी पुरुष से कम नहीं है , हर जगह नारी ने अपनी जगह बनाई है। कुछ महान भारतीय नारियो का उदाहरण हैं -
1-इंदिरा गाँधी- भारत की पूर्व प्रधान मन्त्री
2- कल्पना चावला - अन्तरिक्ष वैज्ञानिक एवं अन्तरिक्ष मे जाने वाली प्रथम भारतीय महिला
3 - प्रतिभा देवीसिंह पाटिल - भारत की प्रथम भारतीय राष्ट्र पति महिला
4- सरोजनी नायडु - भारतीय कांग्रेस राष्ट्र की पहले की अध्य्क्ष
5 - किरण बेदी- भारतीय पुलिस सेना मे भर्ती होने वाली पहली भारतीय महिला
इसी तरह हर वर्ग में नारी का अपना वर्चस्व फैला हुआ है। वह आज के समय में किसी से भी कम नहीं है। पहले की महिलाये घरेलू कामो से जुड़ी रहती थी जैसे घर संभालना, बच्चों को संभालना ऐसे ही, पूर्ण शिक्षित होने के बावजुद उन्हे घर मे रहना पड़ता था। कम आमदनी के चलते यदि उन्हे कमाना भी पड़ता था तो वह कार्य आदमियो के द्वारा तय किया जाता था के वह उनसे छोटा हो तथा कम आमदनी भी हो। यह उनके स्वाभि मान की बात होती थी।
लेकिन यह पहले की सोच थी अब ग्रामीणों मे भी सोच का विस्तार हुआ है वहा लड़कियो को पढ़ाने से लेकर उनके काम करने तक हर बात को मान समझते है तथा लड़की होने पर खुशी भी ज़हीर करते है।
आज नारी का अस्तित्व है जो उसकी पहचान है हर नारी खुद की पहचान बनना चाहती है तथा कुछ कर दिखाने का हुनर भी रखती हैं।
नारी को त्याग एवं बलिदान की मूर्ति कहा जाता है।
नारी तो -
शक्ति है, संतोषि है
त्याग है और बलिदान भी है
शांति और ममता की देवी है,
जन्मदात्री है, फलदयनी है,
सम्मान है, अभिमान है,
धरती है, जगत जननी हैं,
पुरुषो से कंधा से कंधा मिलाकर
चलने वाली
हर एक नारी है।
वर्तमान मेनारी राष्ट्र सेवा एवं राष्ट्र उधान मे लगी हुई है। महिलाओ ने यह सिध्द किया है की वह पुरुषो से किसी भी स्तर मे कम नहीं है, बल्कि उन्होंने राष्ट्र निर्माण मेंअपनी श्रेष्ठता ही सिध्द की है।
आज नारी पुरुषो के समान ही सुशिक्षित, सक्षम एवं सफल है।
नारी है तो आज है नारी है तो कल है। बिना नारी कुछ भी नही है। यही कटु सत्य है। बालिका हत्या रोकना जरूरी है क्यू कि यदि बालिका ही नही होगी तो देश आगे केसे बढ़ेगा। देश को चलाने वाले पुरुष केसेपैदा होगे। यह सत्य है एक पुरुष को जन्म एक औरत ही देती है। कोई भी इस सत्य को नही झूठला सकता। वह आत्मा है जिसमे परमात्मा विराजमान है एक माँ के रूप मे। माँ ना होती तो यह जीवन उनके बिना क्या होता है हम सोच भी नही सकते। नारी एक माँ है, जो दुनिया है सबकी । बिना माँ के कुछ भी नहीं। हम भी नही। नारी का सम्मान करे।