क्या मोदी का जो सपना था देश को कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे वह पूरा हो जाएगा इन दिनों सुर्खियों में केवल कांग्रेसी छाए हुए हैं और कांग्रेस पार्टी की कमर मीडिया वालों ने तोड़ रखी है.इन दिनों सुर्ख़ियों में वायरस का प्रकोप मीडिया वालों को दिखाई नहीं दे रहा है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अधिकतर पालघर में हुई दो संतो की भीड़ द्वारा पीटे जाने और उसके बाद मारे जाने की खबर को ज्यादा तूल दे रहे हैं ऐसा लगता है जैसे मीडिया वालों के पास केवल एक पालघर वाली खबर बची है आप देख रहे होंगे कि इस पूरे मामले में कांग्रेस घसिटी जा रही है. क्योंकि महाराष्ट्र में शिवसेना को कांग्रेस ने समर्थन दिया हुआ है जिस वजह से शिवसेना सरकार बनाने में कामयाब हुई थी यानी कि काग्रेस का भी महाराष्ट्र में वजूद है ऐसा भी कहा ही जा सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पूरा मामला वास्तव में पहले से ही तय मामला है यह पूरा मामला पहले से ही प्रायोजित है कि कब क्या करना है वह कांग्रेस पार्टी को इस मामले की भनक भी नहीं लगती है.
महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ द्वारा दो साधु समेत उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है वहां पर एक पुलिस वाला उन लोगों को बचाने में नाकामयाब होता है उसके बाद मीडिया का अपना काम चालू हो जाता है यानी कि गोदी मीडिया ने कांग्रेसी शासित प्रदेश होने की वजह से पालघर के मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की पर ऐसा कामयाबी मिलती न्यूज़ चैनल को नहीं दिख रही थी इस पूरे मामले को हिंदू और मुस्लिम बनाने की कोशिश की गई मगर फिर भी ऐसा नहीं कर पाए. क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही इस बात का खंडन कर दिया था कि यह मामला हिंदू-मुस्लिम का नहीं है यह भीड़ द्वारा अनजाने में पीट-पीटकर हत्या किए जाने वाला मामला है इस को सांप्रदायिक रंग ना दिया जाए बकायदा महाराष्ट्र के मंत्री को 101 लोगो के खिलाफ दर्ज हुई f.i.r. में नाम भी दिखाना पड़ता है ताकि लोगों को यह पता लग सके कि इस मामले में कोई भी मुस्लिम नहीं है महाराष्ट्र के मंत्री को नहीं पता था कि जहां पर मीडिया अड जाए तो वह कहीं ना कहीं से मामले को घुमा फिरा कर आप पर थोप ही देगी.
इस पर भी मीडिया चुप नहीं रहती है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कोरोना वायरस का पीछा छोड़ कर पालघर मामले के पीछे पड़ जाती है और कांग्रेस को घेरने का मौका नहीं छोड़ती है इसी बीच एक रिपब्लिक भारत चैनल के पत्रकार जिनका नाम है अरनव गोस्वामी वह चर्चा में आ जाते हैं और अभी भी चर्चा में आए हुए हैं. अर्नब गोस्वामी जो खेल रचना चाहते थे उस खेल में कांग्रेसी फस जाती है यानी कि यह पूरा मामला पहले से ही प्रायोजित था बस इस मामले में थोड़ी सी ही गलती करने की देरी थी अर्नब गोस्वामी अपने प्राइम टाइम शो में पूछता है भारत में सोनिया गांधी पर जमकर वार करते हैं गोस्वामी का कहना होता है कि वह पालघर मामले में आखिर चुप क्यों हैं बस यही सवाल वे सोनिया गांधी से लगातार पूछे ही जा रहे थे और कांग्रेस पार्टी पर हमला लगातार करता ही जा रहा था मगर बाद में अपना आपा खो बैठा और गोस्वामी सोनिया के असली नाम एंटोनियो मैनो काफी इस्तेमाल करने लगता है और अपनी भाषा की मर्यादा ना बना पाने में कामयाब कांग्रेस पार्टी कि सोनिया गांधी के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग करता है ऐसा लगता है जैसे सोनिया गांधी एक साधारण सी व्यक्ति है इसी बीच अन्य गोस्वामी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के सदस्य द्वारा देश के विभिन्न थानों में एफ आई आर दर्ज करवा दी जाती हैं. जोकि अरनव गोस्वामी यही चाहता था.
शो खत्म होने के बाद जब अरनव गोस्वामी घर जाते हैं तो रास्ते में उन पर दो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा हमला कर दिया जाता है यह मामला पूरा फिल्मी लगने लगता है गोस्वामी 5 मिनट की एक वीडियो जारी करते हैं और इसमें सोनिया गांधी को कहीं का नहीं छोड़ते हैं.
और अगले दिन सभी न्यूज़ चैनल कांग्रेश का बेड़ा गर्क कर देते हैं क्योंकि पहले से ही यह पूरा माजरा प्रायोजित था बस कांग्रेश को जाल में फंसा ना बाकी था और अरनव गोस्वामी ज्योति रिपब्लिक भारत के पत्रकार हैं कांग्रेश को फंसाने में कामयाब हो जाते हैं. अगले दिन के प्राइम टाइम शो में गोस्वामी फिर से सोनिया गांधी खुला चैलेंज करते हैं और उन पर जमकर निशाना साधते हैं शायद आजादी के बाद पहले ऐसा हुआ होगा जब किसी पत्रकार ने वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया हो और पत्रकारिता की मर्यादा को भूल चुका हो.
कांग्रेस को अर्णब गोस्वामी का जवाब देना चाहिए था ना कि कायरों की तरह एफ आई आर दर्ज करवा कर अपना पल्ला झाड़ने का था. कांग्रे सोचती है कि अफेयर दर्ज करवाकर में हैं अपना गोस्वामी को शिकंजे में कस लें कि मगर ऐसा नहीं होता है अरनव गोस्वामी को कोर्ट की तरफ से 3 हफ्ते की राहत प्रदान कर दी जाती है और साथ ही सिक्योरिटी भी दे दी जाती है इस पूरे मामले में कांग्रेसी बैकफुट पर आ चुकी है और कांग्रेस को आरोपी बना दिया गया है वैसे भी पहले से ही कांग्रेस को मीडिया वालों ने अपंग बना ही दिया था और रहती कसर अरनव गोस्वामी ने निकाल दी इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी अब किसी काम की नहीं रही है लोगों के मन में जो छवि पार्टी के लिए जो बन चुकी है उसको बदला नहीं जा सकता है क्योंकि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ही जीतेगी इस बात का आंकड़ा हम इस पूरी घटना से लगा सकते हैं और गोस्वामी को पता है कि कांग्रेसी कुछ सालों तक सेंट्रल की सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाएगी और मोदी ही आगे भी आएंगे.
इन दिनों कोरोनावायरस की वजह से पूरा देश घर में पैक हो चुका है और जाहिर सी बात है कि टीवी चैनल तो रोज लोग देखते ही होंगे कांग्रेस पार्टी मीडिया वालों का यह खेल नहीं समझ पाए और वह अरनव गोस्वामी के बनाए हुए जाल में फस कर जो थोड़ा बहुत उनका वजूद भारत में बचा होता है उसको भी खत्म करवा लेती हैं. अरनव गोस्वामी में जिस तरह सोनिया गांधी को टारगेट किया है साथ ही पता चलता है कि इसमें घोर राजनीति है इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा गया है अब जाहिर सी बात है कि जो लोग घर पर बैठे हुए हैं वह टीवी तो जरूर देखेंगे ही और वह देख रहे होंगे जिस तरह पूरे कांग्रेश की बदनामी हो रही है उससे लोगों के मन में कांग्रेस के प्रति जो थोड़ा बहुत सनेह होगा भी वह भी खत्म हो जाएगा.
एक पत्रकार ने पूरी कांग्रेस पार्टी को कटघरे में कर खड़ा कर रखा है और कांग्रेसी पार्टी उसके सामने बेबस हो चुकी है पार्टी इस वक्त केवल अरनव गोस्वामी का प्राइम सो ही देख रही होगी क्योंकि जिस तरह अपने शो में गोस्वामी धमकी देते हैं ऐसा लगता है जैसे मैं पार्टी से हाथापाई ही करना चाहते हैं कांग्रेस को इस पूरे मामले में शांत रहना चाहिए था ना कि एफ आई आर दर्ज करवा कर अपना ज्यादा बेड़ा गर्क करवाना था.
हर कोई जानता है कि गोस्वामी के खिलाफ हुई f.i.r. का कोई मतलब नहीं है और वह इस एफ आई आर से कानूनी दांवपेच खेलकर बच जाएंगे. कांग्रेस को इस वक्त चाहिए कि वह जितनी जल्दी हो सके कोई रणनीति तैयार करें नहीं तो लोकसभा चुनाव तो वह पहले से ही हार चुकी है और अब कुछ खास बचा नहीं है बीजेपी का एक सपना था कि भारत कांग्रेस मुक्त हो जाए और यह सपना लगता कि अर्नव गोस्वामी पूरा ही कर देंगे. एक सोची-समझी साजिश के तहत कांग्रेस को फंसा लिया गया मीडिया द्वारा और कांग्रेस समझ भी नहीं पाई. आखिर 70 साल देश में राज की हुई पार्टी इतनी कमजोर हो चुकी है कि वह पत्रकार के सामने निरस्त हो चुकी है उसको जवाब भी देना वह नहीं जा रही है.
अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस मुक्त भारत का सपना जो मोदी सरकार ने देखा था वह पूरा हो जाएगा क्या कांग्रेश जल्द ही कोई रणनीति तैयार करेगी जिससे वह फिर से देश की नजरों में उचित रूप से आप आए ऐसा तो बिल्कुल ही नहीं लगता है ऐसा लगता है जैसे 70 साल राज की हुई पार्टी अब पत्रकारों के सामने खिलौना बन चुकी है.