इन दिनों राजनीति जमकर हो रही है क्रोना अपना काम कर रहा है और राजनीति अपना काम कर रही हैं इन दोनों मामले में अगर पीसा गया है तो वह केवल मजदूर.... प्रियंका गांधी ने राजस्थान से 1000 बसों का प्रबंध किया था और बसों के संचालन के लिए योगी सरकार से अनुमति मांगी थी ताकि मजदूरों को उन बसों के माध्यम से उनके घर पहुंचाया जा सके....
योगी सरकार बसों को चलाने की अनुमति दे देती है मगर यह मामला आपसी रंजिश का शिकार हो जाता है योगी सरकार को लगता है कि अगर प्रियंका गांधी बसे चलवाती है तो इससे योगी सरकार की छवि धूमिल हो सकती है और उनका बड़ा वोट बैंक उनके हाथ से जा सकता है कांग्रेस को भी यूपी में पांव पसारने का मौका मिल सकता है. अपने आप को बैकफुट पर आते देख योगी सरकार ने यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष और उनके कई नेताओं पर मुकदमा यह कहकर दर्ज करवा दिया कि इन्होंने बसों में फर्जीवाड़ा किया है. बसों के नंबर प्लेट को बदला गया है यह सभी नंबर प्लेट कोई कार की है कोई मोटरसाइकिल की है.इनमें से डेढ़ सौ से दो सौ बसों के आसपास फर्जी नंबर निकले थे योगी सरकार ने कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष प्रियंका गांधी के निजी सचिव और कई कांग्रेसी नेताओं पर मुकदमे धाराओं में दर्ज करवा दिए.
यह बात तो रही योगी और प्रियंका के टकराव की मगर यह समझ में नहीं आ रहा कि इन सभी मामले में मजदूर ही क्यों पीसा जा रहा है लोग पैदल आ रहे हैं और इन दोनों को पड़ी है राजनीति करने की...
यहां पर योगी सरकार को भी अपनी समझदारी का परिचय देना चाहिए था ताकि जो लोग पैदल आ रहे हैं बसों के माध्यम से कुछ तो उनको राहत प्रदान होती.इतनी गर्मी में तपतापाती धूप में, चमड़ी को गला देने वाली धूप किसी की भी जान एक पल में ले सकती हैं.मगर योगी सरकार को पड़ी है तो राजनीति करने की...यह बात तो सच है कि कांग्रेस राजनीति कर रही है. कम से कम मजदूरों को फायदा पहुंचाने का काम तो कर रही है ऐसा तो नहीं है कि वह बसों को अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है. इन बसों में मजदूर ही तो जाएंगे जो पैदल घर जा रहे हैं वह बसों में जाएंगे..क्या योगी सरकार को यह बात पच नहीं रही या मजदूर केवल इन लोगों की राजनीति का एक हिस्सा बन चुका है.
