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एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन की तैयारी पूरी हो चुकी है | एयर इंडिया को निजी हाथों में सौंपने के लिए इसे 4 भागों में बांटा गया है- एआई-एआई एक्सप्रेस-एआई सैट्स, ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट, इंजीनियरिंग यूनिट और अलायंस एयर और सभी को अलग-अलग बेचा जाएगा | इंडिगो एयरलाइंस और एक विदेशी एयरलाइंस एयर इंडिया को खरीदने की होड़ में सबसे आगे हैं | विदेशी एयरलाइंस का नाम अभी सामने नहीं आया है |
इंडिगो ने एयर इंडिया के विदेशी सेवाओं एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को खरीदने में रुचि दिखाई है | अगर इसमें बिजनेस के दृष्टिकोण से कोई फायदा दिखा तो टाटा संस-सिंगापुर एयरलाइंस जेवी विस्तारा भी एयर इंडिया को खरीद सकती है | जिस विदेशी एयरलाइन कंपनी ने एयर इंडिया को खरीदने में रुचि दिखाई है उसने सरकार से कहा है कि वो एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की इच्छुक है |
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि जिस विदेशी कंपनी ने विनिवेश नियमों के अनुसार सरकार के पास 49 फीसदी हिस्सा खरीदने की इच्छा जताई है वो कोई जानी-मानी एयरलाइन कंपनी नहीं है और इस कंपनी को हिस्सेदारी बेचा जाए या नहीं इसपर अभी नजरिया साफ नहीं है |
इसके अलावा जेट एयरवेज की निगाहें भी एयर इंडिया की लगने वाली बोली पर लगी है | जबकि कतर एयरवेज ने भी हाल में भारत में बिजनेस शुरू करने की इच्छा जाहिर की थी | इस वजह से हो सकता है कि एयर इंडिया के खरीदारों की दौड़ में कतर एयरवेज भी शामिल हो | सरकार ने जून के आखिर में एयर इंडिया की बिक्री शुरू करने की योजना बनाई है और दिसंबर के आखिर तक इसकी प्रक्रिया पूरी कर लेने की उम्मीद है |
टाइम्स इंडिया में छपी खबर के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया को 4 भागों में बेचा जाएगा और सबसे पहले मुख्य एयरलाइंस को बेचा जाएगा | इसके लिए आवश्यक दस्तावेज कुछ हफ्तों में जारी कर दिए जाएंगे | इसके बाद अन्य हिस्सों की बोली के लिए भी दस्तावेजों को जारी कर दिया जाएगा | एयर इंडिया के ऊपर अभी 70,000 करोड़ रुपए का बकाया है |
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