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महिला आरक्षण बिल वर्ष 1996 से चल रहा था,उस समय HD देवगौड़ा सरकार द्वारा 12 सितंबर 1996 को महिला आरक्षण बिल को पेश किया था,लेकिन यह पूरी तरह से पारित नहीं हो पाया था। लेकिन महिला आरक्षण बिल 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया गया था।
महिला आरक्षण बिल में संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा गया था,इस 33 फीसदी आरक्षण के भीतर ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए उप-आरक्षण का प्रावधान किया गया था लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नही रखा गया था।
महिला आरक्षण बिल में प्रस्ताव यह है कि लोकसभा के हर चुनाव के बाद आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाएगा,आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन के माध्यम से आवंटित किया जाएगा।
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